logo
search

गुरु पूर्णिमा

सद्‌गुरु के साथ लाइव

3 July 2023, रात 9:30 बजे 

‘गु’ का मतलब है ‘अंधकार’ और ‘रु’ का मतलब है ‘दूर करने वाला’। जो आपके अंधकार को दूर करे, वह गुरु है। - सद्‌गुरु

गुरु पूर्णिमा का महत्व और अभिप्राय

ग्रीष्म संक्रांति के बाद अषाढ़ मास (जुलाई-अगस्त) में आने वाली पहली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस पावन दिवस पर शिव ने - जिन्हें आदियोगी या पहला योगी कहते हैं - अपने पहले सात शिष्यों, सप्तर्षियों को सर्वप्रथम योग का विज्ञान प्रदान किया था। इस प्रकार, आदियोगी इस दिन आदिगुरु यानी पहले गुरु बने। सप्तऋषि इस ज्ञान को लेकर पूरी दुनिया में गए, और आज भी, धरती पर प्रत्येक आध्यात्मिक प्रक्रिया आदियोगी द्वारा दिए गए ज्ञान के मूल से जन्मी है।

संस्कृत में ‘गुरु’ शब्द का अर्थ है ‘अंधकार को मिटाने वाला।’ गुरु साधक के अज्ञान को मिटाता है, ताकि वह अपने भीतर ही सृष्टि के स्रोत को अनुभव कर सके। पारंपरिक रूप से गुरु पूर्णिमा का दिन वह समय है जब साधक गुरु को अपना आभार अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। योग साधना और ध्यान का अभ्यास करने के लिए गुरु पूर्णिमा को विशेष लाभप्रद दिन माना जाता है। 

हम गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं?

गुरु पूर्णिमा को भारत में हमेशा से उस दिन के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन पहले गुरु का जन्म हुआ था और योग के शाश्वत विज्ञान का प्रसारण शुरू हुआ था। मानव इतिहास में पहली बार, इस दिन, आदियोगी शिव ने मानव जाति के लिए प्रकृति द्वारा निर्धारित सीमाओं को पार करने की संभावना खोली। सद्‌गुरु के शब्दों में, “इस दिन, मानवता के इतिहास में पहली बार, मनुष्य को याद दिलाया गया कि वह एक निश्चित जीवन नहीं है। यदि वे प्रयास करने के इच्छुक हैं, तो अस्तित्व का हर दरवाजा खुला है। और पढ़ें Read more

आप गुरु पूर्णिमा कैसे मना सकते हैं?

लाइवस्ट्रीम से जुड़ें

हमारे लाइव वेबस्ट्रीम के माध्यम से गुरु पूर्णिमा समारोह में शामिल हों और सद्‌गुरु के साथ सत्संग में भाग लें।

गुरु पूर्णिमा फोटो गैलरी

अनुभव

गुरु पूर्णिमा मेरी साधना पर ध्यान केंद्रित करने और सद्‌गुरु के मार्गदर्शन की मदद से अपने अस्तित्व की जड़ों में थोड़ी गहराई तक उतरने का एक शक्तिशाली अवसर रहा है।

- ज्यूर, वैज्ञानिक, स्लोवेनिया