यह एक ऐसा अवसर है, जिसमें आप इनर इंजीनियरिंग के अपने अनुभव को गहरा बना सकते हैं और अपने अभ्यासों को सही कर सकते हैं।
7:30 AM IST, 5 जनवरी, 2025
(प्रत्येक माह का पहला रविवार)
ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से मौजूद होकर- दोनों रूप में उपलब्ध
यह एक निःशुल्क भेंट है
"सत्संग का अर्थ है ‘सत्य के साथ’ होना। यह स्रोत के साथ संपर्क में आने का एक अवसर है।."
सत्संग के मुख्य बिंदु:
इशांगा (प्रशिक्षक) द्वारा निर्देशित शाम्भवी महामुद्रा क्रिया का अभ्यास करें।
अभ्यास से जुड़े अपने प्रश्नों के उत्तर पाएं।
सद्गुरु द्वारा निर्देशित शक्तिशाली ध्यान का अनुभव करें।
सद्गुरु के प्रेरणादायक वीडियो देखें।
सत्संग में भाग लेने के तरीके
दिशा-निर्देश
यह सत्संग केवल उन्हीं लोगों के लिए खुला है जो शाम्भवी महामुद्रा क्रिया में दीक्षित हो चुके हैं।
कृपया खाली पेट की स्थिति बनाए रखें।
कृपया समय से कम से कम 15 मिनट पहले स्थान पर जाकर बैठ जाएं।
व्यक्तिगत सत्संग की तरह ही, ऑनलाइन सत्संग भी केवल उन्हीं लोगों के लिए खुला है जो शाम्भवी महामुद्रा क्रिया में दीक्षित हो चुके हैं।
कृपया सुनिश्चित करें कि सत्संग में वे लोग शामिल न हों जिन्हें दीक्षा नहीं मिली है, चाहे वे आपके परिवार के सदस्य ही क्यों न हों।
खाली पेट की स्थति बनाए रखें।
सत्संग के लिए जिस स्थान पर आप बैठ रहे हों, वहां सद्गुरु की एक तस्वीर और उसके आगे एक जलता हुआ दीपक रखकर उचित वातावरण बनाना आदर्श होगा। फर्श पर बैठना सबसे अच्छा होता है।
इस समय को केवल सत्संग के लिए समर्पित करें, और सुनिश्चित करें कि पूरे सत्संग के दौरान किसी भी तरह की बाधा या परेशानी न आए (जैसे कि शौचालय का उपयोग करना, फ़ोन कॉल का जवाब देना या मैसेज देखना) ।
सुनिश्चित करें कि आपका इंटरनेट कनेक्शन स्थायी है।
सबसे अच्छा होगा कि आप लैपटॉप के माध्यम से सत्संग में हिस्सा लें और अपना फोन बंद रखें।
हमारी सलाह है कि सत्र में आने वाली तकनीकी समस्याओं से बचने के लिए आप कम से कम 15 मिनट पहले लॉगिन कर लें, क्योंकि सत्र सुबह ठीक 7:30 बजे शुरू हो जायेगा।—