काला जादू - अगर किसी ने कुछ किया है तो क्या है उस जादू का तोड़
काला जादू - अगर किसी ने कुछ किया है तो क्या है उस जादू का तोड़? सद्गुरु हमें बता रहे हैं कि किन तरीकों से काला जादू किया जा सकता है। साथ ही वे हमें काला जादू से बचने के उपाय भी बता रहे हैं।
क्या काला जादू एक हकीकत है? हां और शायद नहीं। सद्गुरु हमें उस काले जादू के बारे में बता रहे हैं जो दूसरे लोग हम पर कर सकते हैं और साथ ही उसके बारे में भी, जो हम अपने आप पर करते हैं। वह ऐसे असर को दूर करने का एक सरल तरीका भी बता रहे हैं।
प्रश्न:
क्या ऊर्जा को एक नकारात्मक रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे किसी पर काला जादू करना?
सद्गुरु:
आपको यह समझना होगा कि ऊर्जा सिर्फ ऊर्जा होती है, वह न तो दैवी होती है, न शैतानी। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं – देवता या शैतान। यह बिजली की तरह होती है। क्या बिजली दैवी या शैतानी, अच्छी या बुरी होती है? जब वह आपके घर को रोशन करती है, तो वह दिव्य होती है।
असल में, पांच हजार साल पहले, अर्जुन ने भी कृष्ण से यही सवाल पूछा था‘आपका यह कहना है कि हर चीज एक ही ऊर्जा से बनी है और हरेक चीज दैवी है, अगर वही देवत्व दुर्योधन में भी है, तो वह ऐसे काम क्यों कर रहा है?’ कृष्ण हंसे क्योंकि इतना उपदेश देने के बाद भी अर्जुन इस साधारण, बुनियादी और बचकाने सवाल पर अटका था। कृष्ण ने जवाब दिया, ‘ईश्वर निर्गुण है, दिव्यता निर्गुण है। उसका अपना कोई गुण नहीं है।’ इसका अर्थ है कि वह बस विशुद्ध ऊर्जा है। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं। जो बाघ आपको खाने आता है, उसमें भी वही ऊर्जा है और कोई देवता, जो आकर आपको बचा सकता है, उसमें भी वही ऊर्जा है। बस वे अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं। जब आप अपनी कार चलाते हैं, तो क्या वह अच्छी या बुरी होती है? वह आपका जीवन बना सकती है या किसी भी पल आपका जीवन समाप्त कर सकती है, है न?
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किसी ने कुछ किया है
तो, क्या लोग काला जादू कर सकते हैं? बिल्कुल कर सकते हैं। अगर ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल है, तो नकारात्मक इस्तेमाल भी है। एक वेद, अथर्ववेद सिर्फ सकारात्मक और नकारात्मक चीजों के लिए ऊर्जाओं के इस्तेमाल को ही समर्पित है। मगर मैंने यह देखा है कि अक्सर ये चीजें मनोवैज्ञानिक या ज़हनी होती हैं। यह थोड़ी-बहुत मात्रा में हो सकती है, मगर बाकी यह होता है कि आपका अपना दिमाग आपको पागल बना रहा होता है। अगर मुझे आपको पागल करना है, तो मुझे आप पर कोई असली काला जादू करने की जरूरत नहीं है। कल सुबह जब आप अपने घर से निकलें और मान लीजिए, वहां एक खोपड़ी और थोड़ा खून पड़ा हो। तो उसे देखने के बाद ही आप बीमार हो जाएंगे, आपका कारोबार ठप होने लगेगा, सब कुछ नकारात्मक होने लगेगा क्योंकि एक तरह का भय आपको जकड़ लेता है। कोई काला जादू नहीं किया गया। बस कुछ संकेतात्मक चीजों की जरूरत है, जिनसे आपको लगेगा कि यह किसी किस्म का काला जादू है, और यह आपका दिमाग खराब कर देगा। इसलिए ज्यादातर बार यह सिर्फ मनोवैज्ञानिक होता है। चाहे आप पर काला जादू ही किया गया हो, मगर केवल दस फीसदी असली चीज होगी। बाकी आप खुद ही अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसीलिए यह प्रतीकों के साथ आता है। ऐसा काला जादू करने वाले यह जानते हैं कि आप खुद पर ही मनोवैज्ञानिक ढंग से असर डाल सकते हैं।
किया कराया वापस करने का तरीका
मगर हां, ऐसा विज्ञान जरूर है, जहां कोई अपनी ऊर्जा का नकारात्मक इस्तेमाल करके किसी और को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका बचाव क्या है? एक बात यह कि अगर आप आध्यात्मिक साधना के पथ पर हैं, तो आपको इन सब चीजों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपको इन चीजों के बारे में सोचने तक की जरूरत नहीं है। एक और तरीका यह है कि आप रुद्राक्ष जैसे कुछ बचाव के साधन पहन सकते हैं, जो किसी भी किस्म की नकारात्मकता से सुरक्षा करते हैं। मगर आपको ऐसी चीजों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। बस अपना ध्यान जीवन में बनाए रखें और आगे बढ़ते रहें। अगर आप साधना के मार्ग पर हैं, तो आपको बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह अपने आप ठीक हो जाएगा।
ध्यानलिंग
अगर आप इस तरह के नकारात्मक असर में रहे हैं, तो आप आकर ध्यानलिंग की छाया में बैठ सकते हैं। ध्यानलिंग के कुछ ऐसे आयाम हैं, जो ऐसी चीजों को बेअसर कर देते हैं। अगर आपको यह आशंका है कि काला जादू जैसी कोई चीज आप पर की गई है, तो सिर्फ एक दिन यहां बैठें और फिर चले जाएं। वह अपने आप ठीक हो जाएगा। लेकिन बेहतर यह है कि आप उन चीजों पर ध्यान न दें क्योंकि किसी और से ज्यादा आपका दिमाग आप पर ‘काला जादू’ करता है।
ध्यानलिंग के प्रवेश द्वार के सामने वनश्री और पतंजलि मंजिर हैं। वे ध्यानलिंग से पंद्रह डिग्री कोण पर बने हैं। उन्हें इसीलिए उस जगह पर बनाया गया है। वरना, वास्तुशिल्प की दृष्टि से मैं उन्हें और करीब बनाना पसंद करता।
उस जगह को खास तौर पर इस तरह बनाया गया है ताकि लोग उसका इस्तेमाल कर सकें। चाहे आपको इसका पता हो या नहीं, मगर काला जादू जैसे ऊर्जा के नकारात्मक इस्तेमाल होते हैं। पंद्रह डिग्री के कोण पर यह द्वार है। चाहे आपको पता चले या नहीं, यहां प्रवेश करने वाला हर इंसान नकारात्मक असर से मुक्त हो जाता है। यही वजह है कि ध्यानलिंग में आने वाले लोग पाते हैं कि उनकी जिंदगी अचानक बदल गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके जीवन से नकारात्मक असर चला जाता है।
जब हम ‘नकारात्मक असर’ कहते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ यह नहीं है कि किसी ने आप पर कुछ किया हो। आप कई तरह से यूं ही किसी नकारात्मकता को ग्रहण कर सकते हैं।