बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी है शाम्भवी महामुद्रा

शाम्भवी से होने वाले फायदों पर मेडिकल रिसर्च से पता चला है कि तमाम मानसिक और शारीरिक रोगों से पीडि़त लोग अगर नियमित रूप से ईशा योग का अभ्यास करें तो न केवल उन्हें रोग से राहत मिलती है, बल्कि उनकी दवाएं तक बंद हो सकती हैं। आइए देखें, रिसर्च के मुताबिक क्या क्या लाभ हो सकते हैं इससे:
1. मानसिक और भावनात्मक सेहत को बढ़ाता है: शाम्भवी का अभ्यास करने वाले 536 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण से नीचे दिए गए क्षेत्रों में सुधार नजर आया।
Subscribe
जटिल और पुराने रोगों के मामले में रोग की तीव्रता और दवाओं के प्रयोग में कमी: 500 से ज्यादा लोगों ने कहा कि उनके अंदर रोग की तीव्रता में सुधार हुआ है और दवाओं पर निर्भरता में कमी आई है।
इससे दिल के रोग होने का खतरा कम और दिल की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ।
4- मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं में कमी: मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से पीडि़त महिलाओं पर किए गए अध्ययन से पता चला कि शांभवी महामुद्रा का अञ्जयास करने से उनके अंदर अधिक रञ्चत बहाव, मासिक धर्म की अनियमितता, चिड़चिड़ापन, मन का बार-बार बदलना जैसे लक्षणों में सुधार आया। मासिक धर्म संबंधी गड़बडिय़ों में डॉक्टरी इलाज और सर्जरी की आवश्यकता में भी कमी दर्ज की गई।
5- नींद की गुणवत्ता में सुधार।
6- ध्यान देने की क्षमता में सुधार।
7- मानसिक क्षमताओं में बढ़ोतरी: शांभवी महामुद्रा का अञ्जयास करने वाले लोगों पर किए गए ईईजी अध्ययन से पता चला कि ऐसे लोगों में मस्तिष्क के बायें और दायें गोलार्ध के बीच आश्वर्यजनक रूप से सामंजस्य बढ़ जाता है। मस्तिष्क की यह जबर्दस्त तालमेल, बेहतर मानसिक क्षमताएं पैदा करती है मसलन, सीखने की बेहतर योग्यता, रचनात्मक क्षमता में बढ़ोतरी, मानसिक स्पष्टता और बुद्धि में बढ़ोतरी।
8- जागरूकता, सतर्कता और आराम की गुणवत्ता में बढ़ोतरी: ईईजी अध्ययनों से पता चला है कि रोजाना महज 21 मिनट के अभ्यास से तनाव और व्यग्रता में कमी आती है और मानसिक सतर्कता, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और आत्मबोध में बढ़ोतरी होती है।
ज्यादा प्राणवान ज्यादा जीवंत होने की विधि: ईशा क्रिया