सुझाव #1. एक मुस्कुराहट के साथ उठिये

सदगुरु: कल सुबह तक, दुनिया में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग स्वाभाविक मौत की वजह से शरीर छोड़ देंगे। आपके पास भी कोई गारंटी कार्ड नहीं है! कल सुबह उठने पर जरा देखें, क्या आप वास्तव में जाग गये हैं, या मर गये हैं! अगर आप जागे हुए हैं तो इस बात की खुशी मनाना ज़रूरी है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप उठकर नाचने लगें। पर, कम से कम आप मुस्कुरा सकते हैं।

जो मर गये हैं, वे भी मेरी और आपकी तरह ही थे। पर, अब, आप उन्हें कहीं भी ढूंढें, वे नहीं हैं। "यहाँ, मैं अभी ज़िंदा हूँ"! तो, अपने लिये मुस्कुराइये! तो, अगर डेढ़ लाख लोग मर गये हैं तो कम से कम कई लाख लोगों ने अपने किसी प्रिय को खोया है। ज़रा अपने उन 4 - 5 लोगों पर नज़र डालिये जो आपके लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। अच्छा है, वे सब भी आज ज़िंदा हैं। तो फिर से, अपने लिये, थोड़ा ज्यादा मुस्कुराइये! मैं आपको बता रहा हूँ कि ये आपकी आध्यात्मिक प्रक्रिया की ओर पहला कदम है। आप जीवित हैं। अगर, मैं आपके सिर पर बंदूक तान दूँ तो क्या आपको कोई राहत, शांति महसूस होगी? नहीं, आप आतंकित हो जायेंगे। तो सोचिये, जीवित रहना आपके लिये कितनी ज्यादा कीमती बात है।

सुझाव #2. जागने के लिये अलार्म मत लगाइये

जिस तरह की आवाज़ सुनते हुए आप सुबह जागते हैं, वह आपके दिन का संदर्भ और जीवन का भविष्य तय करते हैं। सुबह अचानक एक तेज अलार्म की आवाज़ सुन कर जागना आपके जीवन को अच्छी तरह चलाने के लिये सही रास्ता नहीं है। आप जिस तरह का खाना खाते हैं, अपने अंदर जिस तरह के विचार और जैसी भावनायें रखते हैं और अपने शरीर को जिस ढंग से गतिशील बनाये रखते हैं - ये बातें तय करती हैं कि आपको कितनी नींद की जरूरत है? तो, आपको इसी हिसाब से सोना चाहिये जिससे आप सही समय पर, स्वाभाविक रूप से, अपने आप उठ जायें क्योंकि आपको मालूम है कि आपको कितनी नींद की जरूरत है! अगर आप स्वाभाविक रूप से जाग जाते हैं पर संदेह है कि आप सही समय पर उठेंगे या नहीं तो, सही समय पर जागने के लिये आप किसी खास मंत्र को इस्तेमाल कर सकते हैं - जैसे कोई भी वैराग्य मंत्र।

सुझाव #3. सही ओर/तरफ से उठना 

आपका हृदय आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये आपके खून के लिये पम्पिंग स्टेशन है, जो सारे शरीर तक जीवन पहुँचाता है। अगर एक यह चीज़ न हो तो कुछ भी नहीं होगा। ये बाँयी तरफ से शुरू होता है। भारतीय संस्कृति में हमेशा ही बताया गया है कि जागने पर दाहिनी करवट लेकर उठना चाहिये और ऐसा भी कहा गया है कि अगर आप बाँयी तरफ से उठेंगे तो आपके लिये खराब चीज़ें होंगीं। ये इस वजह से है कि जब शरीर आराम की एक खास अवस्था में होता है तो उसकी मेटाबॉलिक गतिविधि एकदम कम होती है। जब आप उठते हैं तो ये गतिविधि बढ़ती है, तेज हो जाती है। इसीलिये, आपसे कहा गया है कि आपको दाहिनी ओर से उठना चाहिये। 

सुझाव #4. अपनी हथेलियों को रगड़ कर आँखों पर रखें 

आपके जीवन में, जीने का एक पूरा विज्ञान बना हुआ है। आपको यह बताया गया है कि सुबह जागने पर अपनी हथेलियों को रगड़कर आँखों पर रखना चाहिये। हथेलियों में बहुत सारी नसों का आखिरी छोर होता है। जब आप दोनों हथेलियों को रगड़ते हैं तो आपकी सारी प्रणाली जाग जाती है। अगर आपको नींद आ रही हो और आप ऐसा करें तो सारा शरीर जाग जायेगा और तुरंत ही आँखों से जुड़ी हुईं सारी नसें और साथ ही, आपकी सारी इन्द्रियाँ जागृत हो जायेंगी। आपका शरीर हिले, इससे पहले आपका मस्तिष्क और शरीर सक्रिय हो जायेंगे। इसके पीछे का विचार यही है कि आपको सुस्ती में नहीं उठना चाहिये। तो आप हथेलियों को रगड़कर, आँखों पर रखकर, फिर दाहिनी तरफ से उठें।

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