शराब और ड्रग्स की आदत से कैसे बचाएं बच्चों को?
आजकल की पीढ़ी के स्कूली बच्चे भी शराब और ड्रग्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। इन चीज़ों से उन्हें कैसे बचाया जा सकता है? जानते हैं सद्गुरु से।
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नाग अश्विन: मैं अपनी पीढ़ी, इस युवा पीढ़ी में शराब के सेवन और लत की सच्चाई जानना चाहता हूं। बहुत छोटे बच्चे, स्कूली बच्चे पलायन(बच निकलना) के एक तरीके के तौर पर नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करना शुरू कर रहे हैं, यह बहुत डरावना और खतरनाक दिखता है। मैं जानना चाहता हूं कि आपके ख्याल से बच्चे इसका सेवन क्यों कर रहे हैं और लोगों को इससे निकालने का बेहतरीन तरीका, अधिक जैविक तरीका क्या है?
सद्गुरु: नमस्कारम नाग। मुझे आपका नाम पसंद आया। नाग या कोबरा मुझे हमेशा बहुत प्रिय रहे हैं। और अगर आपको पता न हो, नाग का विष भी एक नशा है, अगर उसे एक खास तरह से इस्तेमाल किया जाए। समाज में नशे की जरूरत बढ़ने की कई वजहें हैं। एक मूलभूत चीज यह है कि लोग अब अपने जीवन जीने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे, इसलिए उन्हें दिलचस्पी जगाने और किसी चीज में जुनून से जुड़ने के लिए कुछ और चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो उस समाज में सुख और नशे की जरूरत स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि चाहे माता-पिता संपन्न(अमीर) हों, मगर बच्चों को एक निश्चित उम्र तक संपन्नता का अनुभव नहीं होना चाहिए।
उन्हें शरीर की फिटनेस का आनंद लेना सिखाना होगा
इस संस्कृति में राजा भी अपने बच्चों को गुरुकुल भेजते थे, जहां वे दूसरे बच्चों के साथ पढ़ते थे और जहां हर कोई बहुत मूलभूत जरूरतों के साथ रहता था। क्योंकि किसी के जीवन में दौलत आने से पहले अनुशासन और भागीदारी तथा जीवन के साथ जुड़ाव की जरूरी भावना आनी चाहिए। वरना दौलत एक बोझ बन जाएगी जिसे आपको अपने सिर पर ढोना पड़ेगा। इस पीढ़ी के साथ यही हो रहा है। एक और वजह यह है कि इन दिनों काफी हद तक माता-पिता दोनों नौकरी कर रहे हैं।
शुरुआती उम्र में बच्चे को जो ध्यान चाहिए, वह उसे नहीं मिल पा रहा है। इसलिए स्वाभाविक रूप से बच्चों का ध्यान भटक रहा है। वे पर्याप्त शारीरिक गतिविधि भी नहीं करते। जब आप अपने शरीर की फिटनेस का आनंद नहीं लेते, तो आपको नशे में ही आनंद आएगा। अगर आप अपने सिस्टम की जीवंतता और ऊर्जा का आनंद नहीं लेते, तो नशा ही अकेला तरीका रह जाता है।
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आजकल कोई स्वर्ग में विश्वास नहीं करता
और अब ड्रग्स सिर्फ नशा नहीं रह गया है, वे कुछ घंटों के लिए जीवंत भी महसूस कराती हैं। इसलिए यह पीढ़ी विशाल स्तर पर उस ओर बढ़ रही है। इस पीढ़ी के इन ड्रग्स की ओर बढ़ने की एक और अहम वजह यह है कि उन्हें स्वर्ग के जो सपने दिखाए गए थे, वे ढह रहे हैं। शायद वे अब भी इसे बहुत साफ तौर पर व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। उनके पास यह कहने की स्पष्टता या साहस नहीं है। मगर लंबे समय से हमने लोगों को यह कहकर काबू में रखा है कि इन सब चीजों से दूर रहने पर स्वर्ग में आपको बड़ी मात्रा में ये चीजें मिलेंगी।
अब स्वर्ग ढह रहे हैं, इसलिए वे यहीं पीने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह इसके कई पहलू हैं। मूलभूत रूप से एक इंसान के लिए अपना जीवन बचाने के लिए शारीरिक संघर्ष करने की जरूरत नहीं रह गई है। यही नशे की जरूरत को बढ़ाता है।
जबरदस्त शारीरिक गतिविधि और प्रकृति से जुड़ाव
इसके समाधान क्या हैं? यह बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने बढ़ते बच्चों को खेलों की ओर और दूसरे कार्यकलापों(गतिविधियों) के लिए प्रेरित करें, जो उन्हें प्रकृति से जोड़ती हैं, जैसे ट्रेकिंग, पहाड़ की चढ़ाई, तैराकी। कोई तीव्र क्रिया और साथ ही प्रकृति के साथ जुड़ाव। कला, संगीत, किसी न किसी चीज को लेकर उनमें दीवानगी पैदा करनी होगी। उन्हें अपनी बुद्धि, अपनी भावना, अपनी चेतनता के सुखों को जानना सीखना होगा। जब व्यक्ति मन के सुखों, अपनी बुद्धि की तीक्षणता के सुखों, भावनाओं के सुखों, अपनी चेतनता के सुखों का आनंद लेने लगता है, तो शरीर के सुखों में डूबना स्वाभाविक रूप से बहुत ही कम हो जाता है।
इन चीज़ों की मार्केटिंग हो रही है
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि बच्चे कई तरह के क्रियाकलाप(काम) करें और बहुत सी चीजों में जोश के साथ भागीदारी रखें। यह शराब और ड्रग्स की जरूरत को कम कर देगा, मगर हमें यह समझना होगा, आजकल इसकी तगड़ी मार्केटिंग है। और माफ कीजिएगा, फिल्में इसका प्रचार कर रही हैं। हर जगह उसे इस तरह दिखाया जाता है मानो वह एक सामाजिक चीज हो, जब तक आप पीते नहीं, आप बेकार हैं। लोग मुझसे पूछते हैं, ‘सद्गुरु, आप पीते हैं?’ मैं कहता हूं, ‘हां, मैं पानी पीता हूं।’ वे मुझे ऐसे देखते हैं मानो मैं कोई विचित्र प्राणी हूं। ‘सिर्फ पानी?’ हां, सबसे शानदार चीज जो आप पी सकते हैं, वह है पानी। क्योंकि यह शरीर पानी से बना है, शराब से नहीं। इस शरीर का सत्तर फीसदी पानी है, निश्चित रूप से शराब नहीं।
शरीर में ही नशा तैयार करना सीखना होगा
मगर सबसे बढ़कर, मेरा मामला अलग है क्योंकि मैंने अपने सिस्टम के भीतर खोज लिया है कि यह सबसे बड़ी कैमिकल फैक्ट्री है। अगर आप नशा करना चाहते हैं, तो आप उसे अपने अंदर से पैदा कर सकते हैं। ऐसा नशा जो आपको एक साथ नशे में धुत और बहुत जागरूक बनाता है। हमें अपने बच्चों और युवाओं को इस नशे के बारे में बताना चाहिए। इसीलिए हम योग की तकनीक को हर किसी के जीवन में लाने की कोशिश में जुटे हैं। अगर आप अपने अंदर कुछ खास अवस्थाओं में चले जाएं, तो आपको ऐसे नशे का पता चलेगा, जैसा कभी किसी ड्रग या शराब से नहीं हो सकता। साथ ही, आप पूरी तरह जागरूक भी रहेंगे और यह आपकी सेहत व खुशहाली के लिए चमत्कार कर सकता है।
अब समय है कि हम तकनीकी रूप से अधिक बेहतर तरीके से चीजों को करना सीखें। हमारे पास इसके तरीके हैं कि लोग अपने अंदर की ओर मुड़कर जीवन के सर्वोच्च(सबसे ऊँचे) सुखों को जान पाएं। हमें अपने युवाओं को इसका अनुभव कराना चाहिए। जब तक आप उन्हें विकल्प नहीं देंगे, वे वापस बोतल की तरफ जाएंगे, गोलियों की तरफ जाएंगे।
फिलहाल, सेहत के लिए आपको रसायनों की जरूरत पड़ रही है। शांति के लिए आपको रसायनों की जरूरत पड़ रही है। खुशी के लिए रसायनों की जरूरत पड़ रही है। अपने अंदर किसी चीज के अनुभव के लिए आपको रसायनों की मदद चाहिए होती है। आपको समझना चाहिए कि जब कोई पीढ़ी इस तरह रसायनों का प्रयोग करती है, जब नब्बे फीसदी लोग रोजाना दवाइयों और दूसरी तरह के रसायनों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, तो जो अगली पीढ़ी हम पैदा करेंगे, वह कई रूपों में हमसे कमतर(घटिया) होगी।
यह मानव जाति के प्रति अपराध है। हम सब को इस बारे में जागरूक होना चाहिए और वह करना चाहिए, जिसकी जरूरत है।
संपादक का नोट : चाहे आप एक विवादास्पद प्रश्न से जूझ रहे हों, एक गलत माने जाने वाले विषय के बारे में परेशान महसूस कर रहे हों, या आपके भीतर ऐसा प्रश्न हो जिसका कोई भी जवाब देने को तैयार न हो, उस प्रश्न को पूछने का यही मौक़ा है! - unplugwithsadhguru.org
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