हठ योग साधना – शरीर लचीला न हो तो क्या करें?
सद्गुरु से एक प्रश्न पूछा गया कि अगर हठ योग साधना करते समय ये महसूस हो - कि हमारा शरीर दूसरे लोगों जितना लचीला नहीं तो क्या करना चाहिए? सद्गुरु हठ योग साधना करने के सही तरीके के बारे में समझा रहे हैं।
सद्गुरु से एक प्रश्न पूछा गया कि अगर हठ योग साधना करते समय ये महसूस हो - कि हमारा शरीर दूसरे लोगों जितना लचीला नहीं तो क्या करना चाहिए? सद्गुरु हठ योग साधना करने के सही तरीके के बारे में समझा रहे हैं।
प्रश्न : सद्गुरु, हठ योग का अभ्यास शुरू करने के कुछ ही समय बाद, मुझ पर किसी वायरस का हमला हुआ और मुझे उससे ठीक होने में थोड़ा समय लग गया। दूसरी बात यह कि कई बार यह देखकर मैं निराश हो जाता हूं कि मेरा शरीर दूसरे लोगों जितना लचीला नहीं है। क्या आप इस बारे में कुछ बताएंगे?
सद्गुरु : जो लोग हठ योग करना शुरू करते हैं, उन्हें कुछ सप्ताह तक बहुत अच्छा महसूस होता है।
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योग का लक्ष्य है कर्म चक्र को तेज़ गति से बढ़ाना
योग का एक बुनियादी लक्ष्य आपके जीवन और आपके कर्म चक्र को तेज गति से आगे बढ़ाना है।
एक बार जब आप अपनी ऊर्जा को इस रास्ते पर लगा देते हैं, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपका मन, शरीर और भावनाएं भी सहयोग करें और खुद को उसी दिशा में लगाएं। उदाहरण के लिए अगर आपकी गाड़ी के चारों पहिये एक ही दिशा में हों, तो वह आसानी से चलती है। एक पहिया अगर दूसरी दिशा में भागने लगे तो रगड़ होती है और नुकसान ज्यादा होता है क्योंकि कार तेज गति से चल रही होती है। अगर आप अपने मन, भावना - सब कुछ एक ही दिशा में कर लें तो आपका सफर खुशी-खुशी कटेगा। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप सफर तो करेंगे मगर रोते चिल्लाते हुए।
हठ योग अभ्यास को थोड़ा समय दीजिए
किसी और से बराबरी करने या निराश होने के बजाय अपने अभ्यास पर थोड़ा समय दीजिए।
भले ही लोग अपनी पीठदर्द के कारण हमारे पास आएं, पर हम उन्हें ऐसे दीक्षित करना चाहते हैं कि योग की प्रक्रिया उन्हें चरम लक्ष्य की ओर ले जाए। वे कितना आगे तक जाते हैं, यह उनके ऊपर है। अगर आप अभ्यास को अधिक समय देते हैं, तो एक खास बिंदु से आगे जाने पर बहुत सारी चीजें जो आपको परेशान करती थीं, अचानक से गायब हो जाएंगी। साधना की प्रकृति यही है। इसलिए किसी और से बराबरी करके निराश न हों। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।