अन्न दान - दूसरों को जीवन देने का अवसर
ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि और अन्य उत्सवों के दौरान अन्न दान किया जाता है। एक साधक ने सद्गुरु से प्रश्न पूछा कि अन्न दान का महत्व क्या है? जानते हैं कि अन्न दान के महत्व के बारे में -
प्रश्न: नमस्कारम् सद्गुरु। अन्न दान का क्या महत्व है? हमारी संस्कृति में इसकी इतनी महिमा क्यों है?
सद्गुरु: भूख एक बहुत कमजोर कर देने वाला अनुभव हो सकती है। इस जीवन में,मेरा बहुत ही अच्छी तरह से पोषण हुआ है। पर पिछले कुछ जन्मों में, मैंने भूख को इस रूप में जाना है, जिस रूप में बहुत कम लोगों ने जाना होगा।
भूख में गरिमा बनाए रखना
बहुत भूख लगी हो,लेकिन फिर भी अपने उद्देश्य पर पूरा ध्यान केंद्रित करना और अपने अस्तित्व की गरिमा बनाये रखना – बहुत भूखा होने पर भी क्रोधित न होना, इसके लिए बहुत संतुलन चाहिए। ज्यादातर मनुष्य जब भूखे होते है, तो उनकी स्थिति ऐसी होती है जैसे जीवन धीरे-धीरे खत्म हो रहा हो। अगर हम भोजन नहीं खायेंगे, तो हम मर जायेंगे। तो अन्न दान एक जीवन रक्षक है।
महाशिवरात्रि जैसे उत्सव के दिन कई ऐसे लोग ईशा योग केंद्र में आते हैं, जो पचास रूपये भी खर्च करने में असमर्थ होते हैं। लेकिन वे यहां आना चाहते हैं। वे लम्बी दूरियाँ चलकर यहाँ पर पहुचतें हैं, क्योंकि वे बस का किराया देने में भी असमर्थ होते हैं। उनके लिए अन्न दान बहुत महत्वपूर्ण होगा।
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अन्नमय शरीर का अर्पण
सबसे महत्वपूर्ण ये है, कि इसे अर्पण करने में एक अनोखी सुन्दरता होती हैं। यह अर्पण भोजन के बारे में नहीं है। आपके भौतिक शरीर को अन्न मय कोष कहा जाता है क्योंकि यह अन्न से बना है।
अन्न दान गहरी भक्ति के साथ कर सकते हैं
अन्न दान एक तरीका है जिस के द्वारा आप पूरे जुड़ाव के साथ अपने हाथों से, प्रेम और भक्ति के साथ खाना परोसते हुए दूसरे इंसान से गहराई से जुड़ सकते हैं।
मैं चाहता हूँ कि आप एक बात समझें, अपनी माँ के प्रति आपमें बहुत प्रेम और कृतज्ञता है। लेकिन अगर वह आप के लिए भोजन नहीं परोसती, तो क्या आप उन्हें प्यार करते? मातृत्व का सबसे महत्वपूर्ण अंश अन्न दान है। दूध पिलाने से लेकर भोजन परोसने तक, आप आपनी माँ से प्रेम इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्होंने आपको हमेशा अन्न दान दिया है। तो, आप अन्न दान के अवसर का लाभ उठाकर, खुद को पूरे विश्व की मां के रूप में रूपांतरित कर सकते हैं। इसे आप हर दिन और जीवन के हर पल में याद रखिये।
संपादक का नोट:
महाशिवरात्रि महा अन्न दान के लिए दान या स्वयंसेवा करने के लिए, यहां जाएं।
संपादक की टिप्पणी:
20 फरवरी से 23 फरवरी तक ईशा योग केंद्र में सद्गुरु योगेश्वर लिंग की प्रतिष्ठा करने वाले हैं। इन्हीं दिनों यक्ष महोत्सव भी आयोजित होगा, और इसका सीधा प्रसारण आप यहां देख सकते हैं।
महाशिवरात्रि की रात होने वाले आयोजनों का सीधा प्रसारण आप यहां देख सकते हैं।
महाशिवरात्रि की रात के लिए खुद को तैयार करने के लिए आप एक सरल साधना कर सकते हैं। इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यहां जाएं।