Bhaja Govindam

 

Yogaratova bhogaratova
Sangaratova sangaviheenah
Yasya brahmani ramate chittam
Nandati nandati nandatyeva

 

Satsangatve nissangatvam
Nissangatve nirmohatvam
Nirmohatve nishchalatattvam
Nishchalatattve jeevanmukti

 

Punarapi jananam punarapi maranam
Punarapi janani jathare shayanam
Iha samsare bahudustare
Kripayapare pahi murare

 

Bhaja govindam bhaja govindam
Govindam bhaja mudamate

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भजगोविन्दं

 

योगरतोवा भोगरतोवा
सङ्गरतो वा सङ्गवीहिनः
यस्य ब्रह्मणि रमते चित्तं
नन्दति नन्दति नन्दत्येव।

 

सत्सङ्गत्वे निस्स्ङ्गत्वं
निस्सङ्गत्वे निर्मोहत्वम् .
निर्मोहत्वे निश्चलतत्त्वं
निश्चलतत्त्वे जीवन्मुक्तिः।

 

पुनरपि जननं पुनरपि मरणं
पुनरपि जननी जठरे शयनम् .
इह संसारे बहुदुस्तारे
कृपयाऽपारे पाहि मुरारे।

 

भजगोविन्दं भजगोविन्दं
गोविन्दं भजमूढमते।

 

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Yogaratova, Bhogaratova – either in yoga or in bhoga, either in discipline or in pleasure, somehow make it. It doesn’t matter how; the important thing is you get there.


योगरतोवा भोगरतोवा – योग के द्वारा या भोग के द्वारा, अनुशासन में या सुख में, आप इसे किसी तरह से जरूर करें। आप कैसे करते हैं यह मायने नहीं रखता,महत्‍वपूर्ण यह कि आप इसे जरूर जानें।

Love & Grace