सद्‌गुरुजर्मनी के म्युनिख शहर में आयोजित ‘एंट्रप्रेन्योर एसोसिएशन’ के सम्मेलन में सत्रह देशों के सीईओ और उद्यमियों ने भाग लिया और ईशा योग के अभ्यास सीखे। उनमें से कुछ प्रतिभागियों और स्वयंसेवकों के अनुभव उन्हीं के शब्दों में हम आपसे साझा कर रहे हैं:

म्युनिख में 26-28 सितंबर को हुए ‘एंट्रप्रेन्योर एसोसिएशन’ सम्मेलन में ईशा फाउंडेशन ने दो सत्र आयोजित किए। इस दो दिवसीय सम्मेलन के लिए सत्रह देशों के एक सौ चालीस सीईओ और प्रमुख उद्योगपति इकट्ठे हुए थे।

सद्‌गुरु के प्रवचनों के साथ योग से ऐसा परिचय मेरे लिए बहुत आनंददायक था। उनके चारों ओर वाकई आत्म-ज्ञान का प्रभामंडल है।
इस सम्मेलन को नाम दिया गया था - ‘वन लेवल अप’ यानी ‘एक पायदान ऊपर’ और टैगलाइन थी, ‘हाऊ कैन आई बिकम ए बेटर वर्शन ऑफ माइसेल्फ ’ यानी मैं खुद को बेहतर कैसे बना सकता हूं?

सम्मेलन के दोनों दिन ईशा फाउंडेशन ने ईशा उप-योग का प्रशिक्षण दिया। इन सत्रों के दौरान प्रतिभागियों ने सद्‌गुरु के प्रवचनों को सुना और ईशा क्रिया का ध्यान भी किया। इस सत्र को संचालित करने वाली इनर इंजीनियरिंग शिक्षिका, हेलेन, का कहना था:

शिक्षक और प्रतिभागियों के अनुभव

‘यूरोप में कारोबार की दुनिया में योग को इतनी गंभीरता से लिए जाते देखना बहुत उत्साहजनक है। इन दो दिनों में हमने बड़े उद्योगपतियों से यह कई बार सुना कि किस तरह ध्यान उनके निजी और कारोबारी जीवन में तरक्की और कामयाबी का कारण बन सकता है।

योग नमस्कार के दौरान वे शारीरिक संतुलन नहीं बना पाते थे, लेकिन डगमगाने के बावजूद भी उन्होंने सीखना जारी रखा।
इतने सारे सीईओ को इतने खुले नजरिये के साथ देखकर मन मुग्ध हो गया। उनके अंदर खुद को और बेहतर बनाने और ईशा योग के अभ्यासों को सीखने की ऐसी प्यास थी कि वे सब कुछ समर्पित करने को तैयार थे। योग नमस्कार के दौरान वे शारीरिक संतुलन नहीं बना पाते थे, लेकिन डगमगाने के बावजूद भी उन्होंने सीखना जारी रखा।’

नीदरलैंड के एक मेडिकल कंपनी के सीईओ फोल्कर्ट ब्लोक ने बताया,

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‘‘सद्‌गुरु के प्रवचनों के साथ योग से ऐसा परिचय मेरे लिए बहुत आनंददायक था। उनके चारों ओर वाकई आत्म-ज्ञान का प्रभामंडल है। योग मेरे लिए नई चीज है, मगर योग के मौलिक तत्वों का निश्चित रूप से मुझ पर गहरा असर पड़ा है। सद्‌गुरु की वार्ताओं में से सबसे दिलचस्प मुझे ‘यादों के पुराने खोलों में खुद को कैद न करें’ वाली वार्ता लगी। मैंने विकास के लिए अपने निजी लक्ष्य तय किए हैं। अब मैं जानता हूं कि मैं अपनी पुरानी स्मृतियों के वश में हूं और अक्सर उनका शिकार बन जाता हूं। ईशा योग से मेरा परिचय कराने और आपकी प्रस्तुति के लिए मैं दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूं।’’

योगी और उद्यमियों के चार गुण

स्विटजरलैंड में ईशा हठ योग शिक्षक फेबियन ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया,

‘‘इस अनोखे कार्यक्रम में हिस्सा लेना अनुभवों को बहुत समृद्ध बनाने वाला था। इन कामयाब उद्यमियों के लिए हमें न सिर्फ योग के दो सत्र आयोजित करने का मौका मिला, बल्कि हमें भी उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।

तीसरा - अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा पर काबू पाने की दृढ़ प्रतिबद्धता होती है। और चौथा है, संपूर्ण भागीदारी के साथ सब कुछ करना।
अब हम इसे बेहतर समझ सकते हैं कि कारोबार और आध्यात्मिकता किस तरह साथ-साथ चल सकते हैं। इन दो दिनों में, मैं जितने उद्यमियों से मिला, मुझे देखकर हैरानी हुई कि उनमें अधिकतर बहुत खुले दिमाग के थे। मुझे तो यहां तक महसूस हुआ कि उद्यमी बहुत अच्छे योगी बन सकते हैं। खास तौर पर मैंने ध्यान दिया कि सफल उद्यमियों में चार गुण होते हैं, जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले इंसान में होने चाहिएं। पहला - वे खुले दिमाग के होते हैं और चीजों को बिना पूर्वाग्रह के देखने की क्षमता रखते हैं। दूसरा ‐ उनमें आगे बढऩे की अतृप्त प्यास होती है और अपनी सहूलियतों की सीमाओं से हमेशा आगे जाने की इच्छा रखते हैं। तीसरा - अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा पर काबू पाने की दृढ़ प्रतिबद्धता होती है। और चौथा है, संपूर्ण भागीदारी के साथ सब कुछ करना। इनमें से कई उद्यमियों से बात करते हुए मैंने इन विशेषताओं पर बार-बार गौर किया।’’

दुनिया में योग की जागरूकता बढ़ाने का मौका

म्युनिख में रहने वाले ईशा हठ योग शिक्षक हंस ने बताया,

‘‘जब मुझे बताया गया कि एक प्रमुख कारोबारी संगठन, ‘एंट्रप्रेन्योर एसोसिएशन’ अपने सदस्यों के लिए मेरे प्रिय शहर म्युनिख में एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है और वे ईशा को अपने कार्यक्रम का एक हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो मैं बहुत ही उत्साहित हो गया।

मुझे लगता है कि प्रभावशाली हस्तियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचाने में मदद करना एक बेहद संतोषजनक तरीका है, जिससे मैं दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में अपना योगदान दे सकता हूं।

जोहानसबर्ग और ऑस्ट्रेलिया जैसी दूर की जगहों से दुनियाभर के प्रमुख उद्यमियों का आना और खुद को ‘एक पायदान ऊपर’ उठाने के लिए अपने कीमती समय के दो दिन समर्पित करना, निश्चित रूप से इस कार्यक्रम में एक-दूसरे से सीखने का बड़ा अवसर था। सबने इसमें खुलकर हिस्सा लिया। लोगों ने मृत्यु के निकट पहुंचने के अनुभवों से लेकर कारोबार और पारिवारिक दुनिया में आगे बढऩे की अविश्वसनीय कहानियां साझा कीं। निजी तौर पर कहूं तो अर्थशास्त्र की प्रमुख हस्तियों को पारंपरिक योग जैसे रूपांतरकारी साधन से परिचित कराना किसी सपने के सच होने जैसा था। जब भी कोई शख्स योग कक्षाओं के लिए मुझे धन्यवाद देने या सिर्फ जानकारी पाने के लिए मेरे पास आता था, तो मेरा दिल खुशी से भर जाता था। मुझे लगता है कि प्रभावशाली हस्तियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचाने में मदद करना एक बेहद संतोषजनक तरीका है, जिससे मैं दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में अपना योगदान दे सकता हूं।’’

संपादक की टिप्पणी:

*कुछ योग प्रक्रियाएं जो आप कार्यक्रम में भाग ले कर सीख सकते हैं:

21 मिनट की शांभवी या सूर्य क्रिया

*सरल और असरदार ध्यान की प्रक्रियाएं जो आप घर बैठे सीख सकते हैं। ये प्रक्रियाएं निर्देशों सहित उपलब्ध है:

ईशा क्रिया परिचय, ईशा क्रिया ध्यान प्रक्रिया

नाड़ी शुद्धि, योग नमस्कार