सद्‌गुरुइस बार के ब्लॉग में सद्‌गुरु हमें नदी अभियान रैली के बारे बताते हुए कह रहे हैं कि अलग-अलग राजनैतिक दलों की सरकारों और पूरे देश में हर वर्ग के लोगों से नदी अभियान रैली को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। जानते हैं नदी अभियान रैली के सफ़र के बारे में

योजानाओं का ऐलान कर रही हैं सरकारें

हम नदी अभियान रैली का आधा रास्ता पार कर चुके हैं। देशभर में इस अभियान को जिस तरह से लोगों का समर्थन और सहयोग मिला है, उसे देखते हुए यह अपने आप में एक अद्भुत सफ़र रहा है।

जब भी लोग अपने आपसी मतभेदों से परे जाकर एकजुट होकर साथ आते हैं तो यह मौका अपने आप में गहरे आनंद का होता है।
जैसी कि हमारी योजना थी यह अपने आप में एक बेहद महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है। सभी राजनैतिक दलों व विचारधाराओं के नेताओं ने नदी अभियान को एक सुर में हां बोल कर अपना समर्थन दिया है। अभी तक हम जिन भी आठ राज्यों से होकर गुजरे हैं, उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसके लिए अपना समर्थन देने ला संकल्प लिया है। इतना ही नहीं, उनमें से कुछ ने तो आगे बढ़ते हुए नदियों के संरक्षण के लिए प्रस्तावित मसौदा नीति की बुनियादी बातों पर अमल के लिए बाकायदा कार्ययोजनाओं का ऐलान भी कर दिया।

लोग आपसी मतभेदों से परे जाकर जुड़ रहे हैं

एक तरह से ये सारे प्रयास भारत में नदियों की भयावह स्थिति के समाधान की दिशा में एक बेहतर कदम हैं।

जब लोग ऐसी-ऐसी जगहों पर हाथ में तख्तियां व बैनर लिए खड़े दिखाई देते हैं, जहां उनकी उम्मीद भी नहीं होती तो यह सारा दृष्य कहीं भीतर तक दिल को छू जाता है।
अगर हम थोड़े बड़े फलक पर देखें तो आमतौर पर बंटे हुए दिखने वाले लोग इस बंटवारे से परे जाकर सच्चे रूप में एकजुट हो रहे हैं। जब भी लोग अपने आपसी मतभेदों से परे जाकर एकजुट होकर साथ आते हैं तो यह मौका अपने आप में गहरे आनंद का होता है। नदी अभियान रैली में हम इसी भावना को सामने देख रहे हैं।

हम इस समय अहमदाबाद में है, जो आठवां राज्य है - सोलह राज्यों से होकर गुजरने वाली इस रैली का ठीक आधा रास्ता। हालांकि समय, ऊर्जा और व्यवस्था के लिहाज से यह काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह सब उत्सवी माहौल में हो रहा है। जब लोग ऐसी-ऐसी जगहों पर हाथ में तख्तियां व बैनर लिए खड़े दिखाई देते हैं, जहां उनकी उम्मीद भी नहीं होती तो यह सारा दृष्य कहीं भीतर तक दिल को छू जाता है।

मानवीय भावना अलग-अलग रूपों में प्रकट हो रही है

जब मानवीय भावना प्रज्ज्वलित होती है या आगे बढ़ना शुरू होती है, तो कितने शानदार ढंग से अभिव्यक्त होती है, इसका एक उल्लसित रूप पूरी रैली के दौरान दिखाई दे रहा है। पिछले पंद्रह दिनों में हमने कई अद्भुत चीजें होते देखी हैं, इस दौरान सात साल की एक लड़की मराठी मिर्ची से मुलाकात हुई, जो नदियों को लेकर उठने वाली तमाम चिंताओं व सरोकारों को लेकर लोगों के सामने बेहद जोशीली और भावनात्मक अपील कर रही थी। वह बच्ची बेहद प्रतिभाशाली और निर्मल मन की थी (उसका वीडियो हम आपके साथ नीचे साझा कर रहे हैं)।

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नदी अभियान रैली के दौरान मानवीय भावनाएं कई हैरतअंगेज तरीकों से अभिव्यक्त हुई। ये उनमें से सिर्फ एक अभिव्यक्ति थी। इसे देख पाना हमारा सौभाग्य रहा है।

हमारी सभी टीमें कमर कसे हुए हैं, और रैली के दौरान अद्भुत काम कर रही हैं।

इस दौड़ को धीमा मत होने दें। इसमें जो उत्साह प्रवाहित हैए उसे बनाए रखें और नदी अभियान रैली को पूरे दम व उत्साह के साथ जारी रखें।

 जैसे कि मैंने कहा है, ‘ईशा में हम लोग ऐसे मुखों का एक समूह हैं, जो अद्भुत काम कर दिखाते हैं। चेतना की यही शक्ति है।’ जब कोई व्यक्ति बिना यह सोचे या परवाह किए कि उसे बदले में क्या और कितना मिल रहा है, अपना सब कुछ दे दे तो ऐसा व्यक्ति मूर्ख ही माना जाता है। है कि नहीं? हमारे यहां ऐसे ही मूर्ख हैं और मुझे इनके साथ रह कर मजा आता है। इसी तरह के मूर्ख आगे चलकर विशाल हस्ती बनेंगे और यही वे मूर्ख हैं, जो इस दुनिया को रूपांतरित कर सकते हैं।

इस दौड़ को धीमा मत होने दें। इसमें जो उत्साह प्रवाहित है, उसे बनाए रखें और नदी अभियान रैली को पूरे दम व उत्साह के साथ जारी रखें।

आइए इसे साकार कर दिखाएं।

Love & Grace

सम्पादक के टिप्पणी:

नदी अभियान के बारे में अधिक जानकारी के लिए http://isha.sadhguru.org/rally-for-rivers/?lang=hi पर जाएं