आज कल ज्यादातर दंपति इस प्रश्न को लेकर उलझे हुए से रहते हैं कि उन्हें कितने बच्चे पैदा करने चाहिए? एक या दो या उससे भी अधिक? कैसे करें फैसला?

प्रश्न: सद्‌गुरु, मुझे एक बच्चा है, मगर हर कोई सलाह दे रहा है कि मुझे एक और बच्चा पैदा करना चाहिए क्योंकि यह अकेलापन महसूस करेगा। क्या परिवार में अधिक बच्चों की जरूरत होती है, या एक ही बच्चा काफी है?

सद्‌गुरु: अभी दुनिया की आबादी 7.2 अरब है। यह बहुत बड़ी संख्या है। इतिहास में पहले कभी धरती पर इतने इंसानों का निवास नहीं रहा है। एक तरह से देखें तो इस धरती पर अब तक जितने लोग हुए हैं, उनमें से 6.5 फीसदी अभी जीवित हैं, जबकि इसे 1 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। यह एक गंभीर समस्या है।

आज के जमाने में एक से अधिक बच्चे पैदा करना एक तरह से अपराध है क्योंकि जनसंख्या आज की सबसे बड़ी समस्या है। हम सोचते हैं कि सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिंग है। मगर नहीं, वह सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या है। अगर आबादी को कम किया जाए, तो ग्लोबल वार्मिंग नहीं होगी। अगर आप बहुत बच्चे पैदा करेंगे, तो कोई भी अपना पूरा जीवन नहीं जी पाएगा। कई तरह की कमियों और अभावों से लोग मरने लगेंगे, जैसा कि हो भी रहा है। धरती पर आधे लोगों को पेट भर खाना नहीं मिलता। हम चाहते हैं कि जो लोग जीवित हैं, वे लंबा और उपयोगी जीवन जिएं। जो लोग दुनिया में नहीं आए हैं, उन्हें हम वहीं रोक सकते हैं।

बच्चा अकेलापन क्यों महसूस करता है?

जहां तक आपके बच्चे के अकेलेपन का सवाल है, वह अकेलापन इसलिए महसूस करता है क्योंकि ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों के लिए अजनबी होते हैं। जब कोई बच्चा पैदा होता है तो आपको उस पर धौंस जमाने और मां-बाप की तरह बर्ताव करने की जरूरत नहीं है। मां-बाप बनना छोड़ दें, क्योंकि आपके बच्चे को एक अच्छे दोस्त की जरूरत है।

उसे मां-बाप के रूप में बॉस की जरूरत नहीं है। अगर घर में कठोर बॉस होगा, तो 12 बच्चे भी अकेलापन महसूस करेंगे। इसलिए सख्ती और अत्याचार न करें, बस अपने बच्चे का अच्छा दोस्त बन कर रहें। इससे ही वह ठीक रहेगा। अगर उसके माता और पिता उसके अच्छे दोस्त हों, तो वह अकेलापन क्यों महसूस करेगा? वह क्यों चाहेगा कि एक और भाई-बहन उसके घर में आ जाए। यह बिलकुल भी जरूरी नहीं है।  

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