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सद्‌गुरु: आप अगर संयोगवश नेतृत्व कर रहे हैं और किसी योग्यता या बड़ी दूरदृष्टि की वजह से नहीं तो मुझे लगता है कि लोगों के लिये आपके नेतृत्व के बिना रहना ही बेहतर होगा। एक मूर्ख व्यक्ति नेता हो, इससे ज्यादा अच्छा तो ये होगा कि लोगों का कोई नेता ही न हो, वे कुछ तो कर पायेंगे।

एक बेवकूफ नेता बहुत ज्यादा आफत ला सकता है, इसलिये हो सकता है कि बिना नेता के लोग कुछ बेहतर कर लें। ये थोड़ा सा अराजक हो सकता है पर फिर भी वे कुछ तो बेहतर जरूर कर सकते हैं। मूल रूप से नेतृत्व का मतलब ये है कि जाने-अनजाने आपने कुछ लोगों की नियति को अपने हाथों में ले लिया है। आपने वो जिम्मेदारी ले ली है। मैं जब नेता की बात करता हूँ तो ये ज़रूरी नहीं है कि वो किसी राष्ट्र का प्रमुख हो या लोगों के किसी बड़े समूह का नेता हो। अगर आप एक परिवार चला रहे हैं तो भी आप नेता हैं, हैं कि नहीं?

तो, जो भी किसी और जीवन की जिम्मेदारी ले रहा है, वो नेता है। सवाल सिर्फ मात्रा का है - कौन कितनी बड़ी जिम्मेदारी लेता है? किसी की योग्यता के हिसाब से ही लोग चुनेंगे कि उसको कितनी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है? पर, किसी न किसी तरह से हर कोई नेता होता है। आपने अगर कम से कम अपनी खुद की नियति को ही अपने हाथों में ले रखा है तो भी आप नेता हैं, हैं कि नहीं? हाँ, अगर आप कोई होबो हैं तो आप नेता नहीं हैं। क्या आप जानते हैं कि ये होबो क्या है?

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एक अमेरिकन यात्री यू .के. की यात्रा पर था। एक स्थानीय व्यक्ति, जो उसे सब जगह ले जा रहा था, उसे एक खास जगह के बारे में बताते हुए बोला, "यहाँ एक एरिस्ट्रोकेट (बहुत कुलीन व्यक्ति) रहता है"। अमेरिकन ने पूछा, "एरिस्ट्रोकेट का क्या मतलब है, क्या वो एस्ट्रोनॉट(अंतरिक्ष यात्री) है"? "नहीं, नहीं, वो एरिस्ट्रोकेट है"। अंग्रेज़ को बहुत आश्चर्य हुआ कि कोई मनुष्य ऐसा भी हो सकता है जिसे पता न हो कि एरिस्ट्रोकेट क्या होता है। "अरे, आपको ये नहीं पता कि एरिस्ट्रोकेट क्या होता है? एरिस्ट्रोकेट का मतलब है कि उसे कोई काम नहीं करना होता। वो किसी भी जगह, सबसे अच्छे स्थान पर, अच्छी स्थिति में होता है। वो चाहे कहीं भी जाये, उसे एकदम आगे रहने को मिलता है और वो कुछ नहीं करता। वो बस दूसरों के जोर पर मजा करता है", अंग्रेज़ ने कहा। "अच्छा, वो, उसे हम अमेरिका में होबो कहते हैं"।

तो ये होबो है, बेकार आदमी जो कोई काम नहीं करता। अगर आप होबो नहीं हैं तो किसी न किसी रूप में आप नेता हैं, हैं कि नहीं? जब आप समझ लेते हैं कि आप नेता हैं तो इसका मतलब ये है कि या तो आपने अपनी खुद की नियति को अपने हाथों में ले रखा है या फिर आपने कुछ और लोगों की नियति को अपने हाथों में लिया है। ये एक खास जिम्मेदारी है।

अगर आप लोगों के किसी समूह का नेतृत्व करना चाहते हैं तो ये सुनिश्चित कीजिये कि वे सभी आपसे प्यार करें! है ना? तो, हम ये कैसे करें? क्या हम उन्हें प्यार करने की कोई गोली दें? लेकिन ऐसी कोई चीज़ तो नहीं होती। अगर आप चाहते हैं कि हर कोई आपको प्यार करे तो पहली बात ये है कि आपको उन सबसे प्यार होना चाहिये। और तुरंत ही। आपको इसे तुरंत, एक पल में ही करना चाहिये। उनको उनका समय लेने दीजिये। वे भी धीरे धीरे, आ ही जायेंगे। वे विशेषाधिकार वाले लोग हैं। जब आप एक नेता बन जाते हैं तो आपके पास कोई विशेषाधिकार नहीं होता। आपको ये बात समझनी चाहिये। वे सब विशेषाधिकार वाले लोग हैं क्योंकि उनके पास चुनने के लिये विकल्प है, आपके पास ऐसा नहीं है।

अगर आप अपनी कामकाज की जगह पर नेता बनना चाहते हैं, तो सोचिये, ये वो जगह है जहाँ हर दिन, घंटों के हिसाब से, आप अपने जीवन का मुख्य भाग बिताते हैं। किसी और जगह की तुलना में, आप शायद अपने ऑफ़िस में ज्यादा समय बिताते हैं, हैं कि नहीं? क्या आपमें से ज्यादातर लोगों के लिये ऐसा नहीं है? किसी भी दूसरी चीज़ की तुलना में, अपने कामकाज की जगह पर बिताया हुआ आपका समय सबसे ज्यादा होता है। जब ऐसा है तो फिर क्या ये महत्वपूर्ण नहीं है कि हम इसको एक सुंदर अनुभव बनायें?

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ed_gaillard @Flickr