स्वतंत्रता शब्द का अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं योगिक जीवन शैली में स्वतंत्रता किसे कहते हैं...

सद्‌गुरु

1. आवश्यक जागरुकता के बिना स्वतंत्रता खतरनाक है।

रूपांतरण

 

2. पीड़ा के डर से आप जीवन को आधा अधूरा जीते हैं। जीवन को पूर्णता में जीने के लिए पीड़ा के डर से छुटकारा जरूरी है।

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3. एक बार जब आपमें और आपकी विचार प्रक्रिया में एक दूरी आ जाती है, एक नई स्वतंत्रता जन्म लेती है। इस स्वतंत्रता के साथ एक नया बोध जागता है।

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4. तनाव से मुक्त होने का एकमात्र तरीका ध्यान है, क्योंकि यह मन से परे का आयाम है। सारा तनाव और संघर्ष तो मन में है।

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5. ध्यान का अर्थ है : अपने भीतर परम आज़ादी।

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6. साधना चाहे कितनी भी साधारण हो, अगर आप इसे हर दिन करते हैं, तो धीरे-धीरे, कदम-दर-कदम, यह आपके भीतर एक नये स्‍तर की आज़ादी पैदा करती है।

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7. दूसरों से आशाएं होने का मतलब है कि आप उनकी ज़िन्दगी ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा न करें। अपना खुद का जीवन ठीक करें - यही आज़ादी है।

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संपादक की टिप्पणी:

कुछ सरल और असरदार ध्यान की प्रक्रियाएं और योग अभ्यास जो आप घर बैठे सीख सकते हैं:

ईशा क्रिया परिचय, ईशा क्रिया ध्यान प्रक्रिया