युवाओं के लिए प्रश्न पूछने का अवसर - युवाओं जुड़ो सत्य से!
इस बार के स्पॉट में सद्गुरु हमें युवाओं जुड़ो सत्य से! अभियान के बारे में बता रहे हैं। साथ ही वे अपने गृह नगर (होम टाउन) मैसूर के कार्यक्रमों के बारे में भी बता रहे हैं।
युवाओं जुड़ो सत्य से अभियान जबरदस्त गति से आगे बढ़ रहा है। इस अभियान के 4 कार्यक्रम हो चुके हैं, और हम अभी-अभी माउंट कारमेल कॉलेज से वापस आए हैं। वहां का कार्यक्रम भी बहुत जबरदस्त रहा। हमारा अगला कार्यक्रम भारतीय फुटबॉल के लिए चमत्कार कर चुके फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री के साथ है। गणेश चतुर्थी जैसा कि आप सभी जानते हैं - गणपति का मतलब गणों का राजा या गणों का मुखिया होता है। क्योंकि वो सिर उन्हें गणों से मिला था, और इस सिर के कारण, जो कि एक मानवीय सिर नहीं था, वे बेहद बुद्धिमान हो गए। उनकी बुद्धि ऐसी थी, कि वो जीवन की सभी बाधाओं को तोड़ सकती थी, इसलिए उन्हें विघ्नेश्वर कहा गया। मैं कई वर्षों से परिवार से संबंधित किसी भी समारोह, त्यौहारों या शादियों में नहीं गया हूँ। ये काफी अनोखी बात है और कई सालों बाद ऐसा हो रहा है कि पिछले साल नदी अभियान यात्रा के दौरान, संयोग से मैं गणेश चतुर्थी पर अपने परिवार के साथ मैसूर में था।
और कल एक बार फिर से, मेरा मैसूर में होना तय हुआ है। इसलिए मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जो जानबूझकर या अनजाने में मेरे कार्यक्रमों की योजना इस तरह से बनाते हैं कि मेरा मैसूर जाना तय होता है। यह बहुत ख़ुशी की बात है, और उसके बाद एक बहुत ही रोमांचक कार्यक्रम ये है कि मैं स्कूल वापस जा रहा हूं। मैं अपने हाईस्कूल जाऊंगा जहां मैंने सिर्फ दो सालों तक पढाई की थी। 45 साल बाद में वहाँ वापस जाऊँगा। इसके बारे में मैसूर में बहुत उत्साह है।
और वहाँ कुछ अलग कार्यक्रम भी हैं - हम लोगों के समूह के साथ चामुंडी पहाड़ी पर स्थित सद्गुरु स्थान पर जा रहे हैं, और हम मैसूर में थोड़ी-बहुत मोटरसाइकिलिंग भी करेंगे। तो, युवाओं जुड़ो सत्य से में बहुत सी चीजें हो रही हैं। धीरे-धीरे इसके बारे में उत्साह बढ़ता जा रहा है। फेसबुक और ट्विटर और अन्य माध्यमों से हमसे अच्छी तरह से जुड़े रहें, हम आपको इन माध्यमों पर जानकारियाँ देते रहेंगे। चाहे आपकी उम्र जो भी हो, यही समय है युवा-अवस्था को अपनाने का और निश्चित रूप से इसकी सच्चाई जानने का भी।
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