प्रेम किया जाना नहीं, प्रेम में होना महत्वपूर्ण है

प्रेम के लिए हम अकसर सोचते हैं कि दो प्रेमी होने चाहिए, जो एक दूसरे से प्रेम करें। आज के स्पाॅट में सद्गुरु बता रहे हैं कि कैसे प्रेम किसी और के प्रति एक भाव नहीं, बल्कि हमारे होने का एक तरीका हैः
प्रेम के साथ जिम्मेदारी भी निभानी होगी
प्रेम एक खूबसूरत चीज है। अपनी भावनाओं के साथ जो सबसे अच्छी चीज आप कर सकते हैं, वह प्रेम ही है।
अकेले होते हुए भी प्रेम मय रह सकते हैं
फिलहाल, आप किसी भी चीज को प्यार भरी नजरों से तब तक नहीं देख सकते, जब तक वह आपकी न हो।
प्रेम किया जाना नहीं, प्रेम में होना महत्वपूर्ण है
प्रेम एक मानवीय भावना है। जिस पल में इंसान बिना किसी पूर्वाग्रह के और खुले दिल का होता है, वह हर किसी को प्यारभरी नजरों के साथ देखता है। ज्यादातर लोग अहंकारी होते हैं।
अगर आप भक्ति में डूब कर हर चीज के सामने झुकते हैं तो माना जा सकता है कि आपके भीतर कोई शानदार चीज घटित हुई है। वर्ना तो आप पूर्वाग्रह से भरे रहते हैं और किसी एक चीज को बड़ी तो किसी दूसरी चीज को छोटी के रूप में देखते हैं। निस्संदेह, प्रेम और नफरत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर सिक्का एक तरफ गिरता है तो यह प्रेम है। अगर यह दूसरे रुख की ओर गिरता है तो यह नफरत बन जाता है। अगर आप प्रेममय बन जाते हैं तो यह आपके लिए शानदार बात है। यह आपके आसपास के लोगों के लिए सुन्दर होगा, क्योंकि आपके साथ रहना उनके लिए भी एक खूबसूरत अनुभव होगा। उन पर आपके प्रेममय होने का असर पड़ सकता है। अगर आप प्रेममय हो जाते हैं तो आप जो भी करते हैं, उसे आपके आसपास के लोग अच्छे भाव से लेते हैं। उन्हें कही न कहीं लगता है कि यह आपके भीतर से सही कांटेक्स्ट या सन्दर्भ सेें आ रहा है। वर्ना आप कितनी भी अच्छी चीजें कर लीजिए, वे सब आपके लिए बुराई का सबब बन जाएंगी।
प्रेम की समझ बदलनी होगी
प्रेम वो नहीं है, जो आप करते हैं। प्रेम वो है, जिस तरह से आप हैं। इसका मतलब है कि आपकी भावनाओं में मधुरता भर गई है। अगर आप कोई बर्तन भी उठाते हैं तो उसे पूरे प्यार से उठाएंगे। अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति का स्पर्श भी करेंगे तो बेहद प्यार से करेंगे। अगर आपके आासपास कोई नहीं भी होगा और आप बैठेंगे तो बड़े प्रेम से बैठेंगे। आपको अपने प्रेम का काॅनसेप्ट या विचार बदलने की जरूरत है। प्रेम किसी और के बारे में नहीं है - ये आपके बारे में है। आपके भीतर मौजूद भावों की मधुरता के चलते आपका जीवन सुंदर हो जाता है। फिर चाहे आपके जीवन में सफलता आए या असफलता, आपका जीवन मधुर ही होगा।
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प्रेम नहीं है - महज एक भावना
जैसा अक्सर समझते हैं लोग।
प्रेम तो है एक राह
जो देती है दिशा
हमारे विचारों और भावनाओं को
और ले जाती है उन्हें
एकाकीपन की बंजरता से
समावेश की पैदावार तक।
प्रेम नहीं है बस एक बंधन
यह तो है एक गुब्बारा
जो ले जाता है
आपको असीम की सीमाओं तक।