33 साल पहले : जीवन कुछ यूं बदला
ईशा यु एस ए केंद्र में आदि योगी प्रतिष्ठा के अवसर पर सद्गुरु इसी दिन 33 साल पहले हुई घटना की यादें, और उस घटना के बाद से जीवन के नए रूप और लक्ष्य के बारे में बता रहे हैं...
ईशा यु एस ए केंद्र में आदि योगी प्रतिष्ठा के अवसर पर सद्गुरु इसी दिन 33 साल पहले हुई घटना की यादें, और उस घटना के बाद से जीवन के नए रूप और लक्ष्य के बारे में बता रहे हैं
गत 23 सिंतबर 2015 को मेरे चामुंडी पहाड़ी की उस घटना को 33 साल पूरे हो गए। 33 साल पहले 23 सिंतबर के उस निर्णायक दिन मैं चामुंडी पहाड़ी की ओर ऐसे गया कि वहां से वापस लौट ही नहीं पाया। वो तेजतर्रार नौजवान जो अपनी समझ, अपनी बुद्धि और खुद अपने अलावा किसी और चीज पर यकीन नहीं करता था। जो खुद को इतना स्मार्ट मानता था कि जरूरत पड़ने पर दुनिया भी जीत सकता है।
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इस सफर में साथ देने के लिए तमाम लोग मेरे साथ चले और हमने मिलकर उस परम-तत्व को बांटा। इस दौरान जितना प्रेम और साझेदारी मिली, वह एक जिंदगी भर के प्रेम और साझेदारी से कहीं ज्यादा है। इस दिन पर अमेरिका के ईशा इनर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में आदियोगी की प्रतिष्ठा अपने आप में बड़ी कृपा और अनुकंपा है। आप में से तकरीबन एक हजार चार सौ लोग वहां शारीरिक रूप से मौजूद थे। मेरी कामना थी कि आप में से हरेक वहां हो।
मैं हमेशा हर पल ऐसे जीता हूं, मानो यह मेरी अंतिम सांस हो। अपनी सांसों को थामकर मैं सिर्फ इस कोशिश में जुटा हूँ, कि आदियोगी की कृपा, ज्ञान, ऊर्जा और बोध सबको उपलब्ध करा सकूं।
इससे पहले कि आप अपने जीवन की आखिरी सांस लें, आपके जीवन में यह ज्ञान जरुर आना चाहिए। और अगर आप मेरी आखिरी सांस लेने से पहले यह सब जानने के लिए उत्सुक हैं, तो यह मेरे लिए इतनी खुशी की बात है, जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।