सब भूल गए या कुछ याद रहा?
सद्गुरु हमें बता रहे हैं, कि कैसे कुछ सरल उपायों की मदद से हम अपने दिमाग में बदलाव ला सकते हैं और अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं...
अधिकांश लोग कभी न कभी यह महसूस करते हैं कि वे चीज़ें भूल जाते हैं। उन्हें यह लगता है कि उनकी याददाश्त ही कमजोर है और यह बढ़ नहीं सकती है। लेकिन हमारी याद करने की क्षमता हमारे दिमाग की बनावट पर निर्भर करती है। सद्गुरु हमें बता रहे हैं, कि कैसे कुछ सरल उपायों की मदद से हम अपने दिमाग में बदलाव ला सकते हैं और अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं...
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दिमाग के दांए और बांए हिस्सों के बीच संतुलन बढ़ाने का एक सबसे अच्छा तरीका शरीर को शांत और स्थिर रखना है। अगर कोई इंसान अपने शरीर को शांत और स्थिर रख सकता है, तो शरीर की स्थिरता की इस स्थिति में दिमाग एक बड़े पैमाने पर जुड़ जाता है।
प्राचीन काल में भारत में दिमाग को बेहतर इस्तेमाल के लिए तैयार करने की बड़ी सुंदर और विकसित प्रणाली थी। एक पूरा तरीका था कि दिमाग को पूरी तीव्रता और गहराई के साथ कैसे जोड़ा जाए। आज-कल होने वाले वैज्ञानिक शोध भी घूम फिर कर वापस हमारी प्राचीन प्रणाली और उन तरीकों पर ही आ जाते हैं, जो हमने मानवीय क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए हैं। अच्छी बात यह है कि उन्होंने भी यही माना है कि शरीर को स्थिर करके ही दिमाग की शक्ति को सबसे अधिक बढ़ाया जा सकता है।
यह घटना सन् 1930 की है। दो मित्र बनारस गए। उन्होंने नदी में स्नान करने की सोची। आपस में वे बातचीत कर रहे थे और किसी कारोबार के मुद्दे पर समझौता करने की कोशिश में थे। सहमति इस बात पर बनी कि एक दोस्त दूसरे को कारोबार करने के लिए 50,000 रुपए देगा। वहीं के वहीं उन दोनों ने मौखिक तौर पर सहमति बना ली। कुछ साल बाद जिस दोस्त ने पैसे दिए थे, उसे पैसों की जरूरत पड़ी। उसने अपने पैसे मांगे, लेकिन कोई लिखित समझौता तो था नहीं कि उसने पैसे दिए हैं। ऐसे में पैसे मांगने पर दूसरे मित्र ने कहा, ‘तुमने मुझे कभी पैसे नहीं दिए। ऐसा कोई समझौता ही नहीं हुआ हम दोनों के बीच।’ पहले दोस्त ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने उससे सबूत मांगा, लेकिन उसके पास इस बात का कोई सबूत नहीं था कि उसने 50,000 रुपए उधार दिए थे। इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘आपको सबूत तो देना होगा, नहीं तो इस मामले में अदालत कुछ नहीं कर पाएगी। ’
कहने का अर्थ यह है कि अगर हम अपनी अंदरूनी परिस्थितियों को सही तरीके से संभाल लें तो हम अपनी स्मरण शक्ति को इतना ज्यादा बढ़ा सकते हैं। शुरुआत करने का सबसे आसान तरीका यही है कि स्थिर रहना सीखा जाए। अगर आप किसी जगह शांत और स्थिर होकर बैठना सीख सकते हैं तो यह इस दिशा में एक अच्छा कदम होगा। यह आप कक्षा में भी कर सकते हैं। आपके शिक्षक बात कर रहे हैं। ऐसे में आपको जरूरत नहीं है हिलने डुलने या भाव प्रदर्शन करने की। बस शांत और स्थिर बैठे रहिए। कुछ दिनों में आप देखेंगे कि चीजों को ग्रहण करने और याद करने की आपकी शक्ति में जबर्दस्त बढ़ोतरी हो रही है। कुछ खास तरह के अभ्यास हैं, जिनके माध्यम से इस स्थिरता को आप अपने भीतर उतार सकते हैं।
विशेष टिप्पणी: शांभवी महामुद्रा पर की गई ईईजी खोजों ने दिमाग के दाहिने और बाएं हिस्से में बेहतर समन्वय दिखाया है। यह बढ़ा हुआ दिमागी समन्वय, बेहतर सीखने की क्षमता, ज्यादा रचनात्मकता, उन्नत दिमागी स्पष्टता और तीक्ष्ण बुद्धि की ओर ले जाता है।