डोनाल्ड ट्रंप को आप क्या सलाह देंगे?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक सीनियर एडिटर ‐ नारायणी गणेश, ने 23 जनवरी, 2017 के दिन सद्गुरु से बातचीत की जिसके केंद्र में थे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। पेश है उस बातचीत के संपादित अंश:
नारायणी गणेश : सद्गुरु, अगर आप डोनाल्ड ट्रंप के आध्यात्मिक सलाहकार होते, तो उनसे क्या कहते?
अमेरिका दुनिया का नेतृत्व करता है
सद्गुरु : अमेरिका कई वजहों से आज दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति में है, चाहे वह राजनीति हो या अर्थशास्त्र हो या सेना हो या फिर सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र।
अपनी बड़ी राजनैतिक और सैन्य शक्ति के साथ अमेरिका वर्ष 2000 से लगातार किसी न किसी से युद्ध लड़ रहा है। देश बर्बाद हो रहे हैं, लोग मर रहे हैं, बेघर हो रहे हैं, बहुत अधिक तबाही हो रही है। एक नेता के रूप में ट्रंप इसे बदल सकते हैं, क्योंकि उन्होंने अमेरिका की राजनैतिक स्थिति को उलट दिया है। उन्हें दुनिया को शांति की ओर ले जाने के लिए भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले।
कारोबारी होना फायदेमंद हो सकता है
नारायणी गणेश : ट्रंप एक कामयाब कारोबारी रहे हैं। क्या इससे शासन में उन्हें फायदा मिलेगा?
सद्गुरु : एक अच्छा कारोबारी ऐसे सौदे करता है, जो टिकाऊ हो और जिससे दोनों पक्षों को फायदा हो। 200 साल पहले, धार्मिक नेतृत्व प्रधान था।
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इसकी आशा नहीं थी, पर एक उद्योगपति को अमेरिकी राष्ट्रपति चुना गया है। यह या तो एक महान अवसर हो सकता है या एक विपदा। अगर वह स्थितियों को बदल सकें, तो यह एक अवसर होगा। धार्मिक नेता शायद ही किसी चीज पर सहमत होते हैं। सैन्य नेताओं को उलझने की आदत होती है। मगर एक कारोबारी के रूप में ट्रंप डील करने की बात कर रहे हैं। मसलन, वह रूस से दोस्ती करना चाहते हैं, हो सकता है कि इससे रूस जैसे देशों के साथ लंबे समय से चला आ रहा शीत युद्ध समाप्त हो जाए, भारत-पाक और उत्तरी-दक्षिणी कोरिया के भविष्य के लिए एक सकारात्मक मिसाल पेश हो। मगर डील टिकाऊ और स्थायी होनी चाहिए।
चाहे वह बाजार हो या कोई शादी, जब कोई डील होती है तो दोनों पक्षों की अपनी-अपनी उम्मीदें होती हैं, इसलिए कुछ समझौते करने पड़ सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी आपसी फायदे के लिए काम करना जरूरी है। मैं ट्रंप को सुझाव दूंगा कि वह दुनिया को बिल्कुल अलग नजरिये से देखें। वह लोगों को ‘मेरे मित्र’ या ‘मेरे दुश्मन’ की तरह न देखें, बल्कि आपके और मेरे लिए क्या अच्छा है, इस पर ध्यान दें।
इसलिए ट्रंप का राष्ट्रपति पद केवल उनके लिए नहीं, बल्कि अमेरिका और दुनियाभर के लोगों के लिए कारोबार का एक नया अवसर है। ट्रंप ने सैन्य खर्च कम करने की बात की है। इसलिए यह अच्छा होगा अगर अमेरिका दुनिया का पुलिसमैन बनना बंद कर दे।
लोगों को क़ानूनी निवासी बनाना जरुरी
नारायणी गणेश : मगर ट्रंप ने कहा है कि वह लोगों को बाहर रोकने के लिए दीवारें बनाएंगे।
सद्गुरु : चाहे वह कुछ भी बोलें, अगर आप कोई देश चलाना चाहते हैं, तो आपको सीमाओं की जरूरत होती है।
नारायणी गणेश : हाल ही में आया सर्वोच्च न्यायालय का आदेश, जिसमें चुनावों में धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर वोट मांगने पर प्रतिबंध लगाया गया है, क्या अवास्तविक है? क्योंकि ये चीजें हमारे डीएनए का एक हिस्सा है?
सद्गुरु : डीएनए को बीच में नहीं लाना चाहिए। यह धृतराष्ट्र सिंड्रोम है ‐ कि किसी भी कीमत पर उसके बेटे को राजा बनना चाहिए। महाभारत में इससे काफी समस्याएं पैदा हुईं। देश में कई बार यह चीज दोहराई जा चुकी है। अगर आप चाहते हैं कि लोकतंत्र कामयाब हो, तो हर नागरिक को वोट डालना चाहिए, मगर आप किसे वोट देंगे, यह आपका चुनाव होना चाहिए।
ट्रम्प में क्या गुण होने चाहिए
नारायणी गणेश: अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप में कौन से गुण होने चाहिए?
सद्गुरु : अगर ट्रंप को सबसे शक्तिशाली देश के नेता के रूप में कामयाब होना है, तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी आती है।
नारायणी गणेश : आप ट्रंप को और कौन सी खास सलाह देना चाहेंगे?
सद्गुरु : चूंकि ट्रंप बहुत ज्यादा और बहुत जल्दी बोलते हैं और बहुत बार ट्वीट करते हैं, तो मैं उन्हें कम बात करने और ज्यादा सुनने तथा करने की सलाह दूंगा। फिर बहुत सी चीजें बदलेंगी। किसी को उनका ट्विटर हैंडल अपने हाथ में ले लेना चाहिए।