भक्ति: जीने का एक खूबसूरत ढंग है
भक्ति एक भरोसा है। भक्ति इस दुनिया में, इस अस्तित्व में, जीने का सबसे प्यारा तरीका है।
अगर आप यहां अपनी पूरी चेतना में प्यार के साथ बैठना सीख जाएं, अस्तित्व पर उसी रूप में भरोसा करें, जैसा वह है, यही भक्ति है। भक्ति इस दुनिया में, इस अस्तित्व में, जीने का सबसे प्यारा तरीका है।
भक्ति की प्रकृति मुख्य रूप से नारी सुलभ है। आप भले ही पुरुष हों, लेकिन जब आप भक्त बन जाते हैं, तो आप भावनात्मक स्तर पर एक स्त्री की तरह महसूस करने लगते हैं। भक्ति एकतरह का पागलपन है, उन्माद है। भक्ति एक ऐसी चीज है, जिसमें आपका,‘आपा’ नहीं रह जाता। यह कोई प्रेम संबंध नहीं है। प्रेम अपने आप में एक पागलपन है, लेकिन उसमें थोड़ा-बहुत विवेक बचा होता है, इसलिए आप उससे उबर सकते हैं। भक्ति में रत्तीभर भी विवेक नहीं बचता। भक्ति से आप बाहर नहीं आ सकते।
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भक्ति का विश्वास से कोई लेना-देना नहीं है, यह भरोसे से जुड़ा है। तो सवाल उठता है, “मैं भरोसा कैसे कर सकता हूं?” आप आराम से बैठे हुए हैं, यह भरोसा है। क्योंकि आप जानते हैं कि कई बार धरती फट जाती है और लोगों को निगल जाती है। ऐसी भी घटनाएं हुई हैं, जहां लोगों पर आसमान गिर पड़ा है और उनकी मौत हो गई है। ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न हुई हैं, जब लोगों ने जिस हवा में सांस ली है, उसी ने उनकी जान ले ली। यह गोल ग्रह काफी गति से घूम रहा है और यह पूरी सौर प्रणाली और तारामंडल पता नहीं किस गति से चल रहे हैं। मान लीजिए धरती मां अचानक उल्टी दिशा में घूमने का फैसला कर ले, तो हो सकता है कि अभी आप जहां बैठे हैं, वहां से उड़ जाएं – आप कुछ कह नहीं सकते।
इसलिए बैठने, मुस्कुराने, किसी की बात सुनने और किसी से बात करने के लिए आपको भरोसे की जरूरत होती है, बहुत सारे भरोसे की। लेकिन आप ऐसा अनजाने में और बिना किसी लगाव के करते हैं। बस यह भरोसा पूरी चेतनता और प्यार के साथ करें। यही भक्ति है। एक बार आप यहां अपनी पूरी चेतना में प्यार के साथ बैठना सीख जाएं, अस्तित्व पर उसी रूप में भरोसा करें, जैसा वह है, यही भक्ति है। भक्ति इस दुनिया में, इस अस्तित्व में, रहने का सबसे प्यारा तरीका है।