आप भी कर सकते हैं चमत्कारिक काम
अपनी क्षमताओं के अनुसार निरंतर काम किया जाए तो एकदिन ऐसा भी आ सकता है कि आप चमत्कारिक काम करने लगें। इस पूरी प्रणाली को सद्गुरु ने कुछ इस तरह समझाया:
सद्गुरु:
एकबार की बात है। एक अनपढ़ और सीधा सादा किसान अपनी गाय को लेकर अपने खेत पहुंचा। वहां उसकी गाय ने एक बछड़े को जन्म दिया। कभी आपने किसी नवजात बछड़े को देखा है? वह बहुत छोटा और हल्का होता है। मासूम और नाजुक से इस बछड़े पर उस किसान को बड़ा प्यार आया। वह चलकर घर नहीं लौट सकता था, इसलिए किसान ने उसे अपने कंधों पर उठा लिया और घर ले आया। अगले दिन उसे फिर खेत पर जाना था। उसने बछड़े को फिर कंधों पर उठाया और खेत पर ले गया। शाम को भी इसी तरह उसे घर वापस ले आया। बस रोज का यही दस्तूर बन गया और यह करते-करते दो साल गुजर गए। दो साल बाद लोगों ने देखा कि वह किसान एक बड़े बैल को कंधों पर उठाकर खेत पर ले जा रहा है और फिर वापस घर ला रहा है। बछड़े से बैल बनने में वक्त लगता है, इसलिए उसका वजन धीरे धीरे बढ़ रहा था। ऐसे में उस किसान को उसके वजन बढ़ने का अहसास ही नहीं हुआ। दो साल के अंतराल में वह इतना शक्तिशाली हो गया कि वह एक बैल को कंधे पर उठाकर ले जाने लगा और यह काम करने में उसे जरा भी कठिनाई महसूस नहीं होती थी।
बिल्कुल यही बात हर उस चीज के साथ है, जो आप करते हैं। छोटी-छोटी चीजें ही अगर आप अपनी पूरी क्षमता से लगातार करते जाएं तो दो साल बाद आप पाएंगे कि आप कुछ ऐसा करने लगे हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं।
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