गुरु : एक रोडमैप है - ईशा लहर जुलाई 2016
ईशा लहर का जुलाई माह का अंक गुरु पर केन्द्रित है। क्या आध्यात्मिक प्रगति के लिए गुरु जरुरी है? आध्यात्मिक विकास में गुरु की क्या भूमिका होती है ? जानें ऐसे और अन्य कई सवालों के उत्तर...
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आदिकाल से ही हमारी संस्कृति में गुरु को एक व्यक्ति से कहीं अधिक माना गया है। कभी उसे आत्मज्ञानी तो कभी सर्वव्याप्त शक्ति कहा गया है, कभी उसे ईश्वर से साक्षात्कार कराने वाला तो कभी उसे साक्षात ईश्वर कहा गया, कभी उसे राह दिखाने वाला तो कभी उसे ही राह कहा गया। सृष्टि के रचयिता, पालनकर्ता और संहारक के रूप में तीन महाशक्तियों की परिकल्पना - ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में की गई है। जब वे एक ही व्यक्ति में समाती हैं, तो उसे ‘गुरु’ कहा जाता है।
कई महीने बीत गए। स्वर्ग में सभी देवता बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। आखिरकार देवतागण धरती पर आए। देवताओं ने इंद्र को समझाने की कोशिश की, ‘‘आप इन्द्र हैं! आप यहां सूअर के रूप में क्या कर रहे हैं? हमारे साथ चलिए।’’ इन्द्र ने साफ मना कर दिया। वे अपने आसपास की हर चीज के साथ बड़ी गहराई से लिप्त हो गये थे। इस स्थिति को देखकर देवता अत्यंत व्याकुल हो उठे। तभी नारद मुनि आए और बोले, ‘‘इन्द्र की आसक्ति तो अपने शरीर में है। अगर आप उनके शरीर को काट देते हैं तो फिर वे लौट आएंगे।’’ फिर क्या था, तुरंत ही देवताओं ने उनके शरीर के दो टुकड़े कर दिए। इन्द्र निकल आए और बोले, ‘‘भला मैं यहां क्या कर रहा हूं?’’ वे स्वर्ग लौट गए।
ठीक ऐसा ही हुआ है आज इंसान के साथ। लोगों की हालत इंद्र की तरह ही हो गई है। वे सबकुछ भूल बैठे हैं। आज इंसान अपने भोग विलास में कुछ ऐसा लिप्त हो चुका है कि उसमें यह जानने की इच्छा ही नहीं है कि वह वाकई में है कौन। बिना उचित मार्गदर्शन और कृपा के, बिना पतवार की नाव की तरह, इस भवसागर के अंतहीन चक्र में घूमता रहता है। कभी वह अपनी अंतरात्मा की धुंधली रोशनी में अपना ठिकाना खोजने की कोशिश करता है, तो कभी बाहरी चकाचौंध में गुम हो जाता है। उसकी नाव कभी किनारे नहीं लगती। अपने असली ठिकाने से बेखबर वह यूं ही भटकता रहता है।
ऐसे में जरूरत होती है किसी ऐसे शख्स की जो उसे राह बता दे और पहुंचा दे ठौर तक।
आधुनिक शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए सद्गुरु कहते हैं कि जब आपको किसी अनजाने इलाके से गुजरना होता है तो आप जी.पी.एस. यानी ‘ग्लोबल पोज़ीशनिंग सिस्टम’ का सहारा लेते हैं।
- डॉ सरस
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