अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: विश्व को भेंट करेंगे एक सरल योग
यु. एन. के 175 देशों का समर्थन और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला अपने आप में एक एतिहासिक कदम है। को खास बनाने के लिए आज के स्पॉट में सद्गुरु इस अवसर की अहमियत बता रहे हैं और साथ ही बता रहे हैं कि कैसे हम पूरी दुनिया में एक सुखद बदलाव लाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
यु. एन. के 175 देशों का समर्थन और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला अपने आप में एक एतिहासिक कदम है। को खास बनाने के लिए आज के स्पॉट में सद्गुरु इस अवसर की अहमियत बता रहे हैं और साथ ही बता रहे हैं कि कैसे हम पूरी दुनिया में एक सुखद बदलाव लाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
दुनिया के सामने - खासकर उन लोगों के सामने, जो बाकी दुनिया पर एक खास असर रखते हैं - आध्यात्मिक प्रक्रिया को लाने की कोशिश काफी लंबे अर्से से चली आ रही है। आज से तकरीबन आठ हजार साल पहले अष्टावक्र ने राजा जनक को ज्ञान प्राप्त कराया था। कृष्ण के संपूर्ण जीवन का तो मकसद ही यही था - आध्यात्मिक प्रक्रिया का राजनैतिक प्रक्रिया से मेल कराना। कृष्ण ने सिर्फ राजाओं के साथ ही काम नहीं किया, बल्कि उन्होंने उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में लगभग एक हजार से ज्यादा आश्रम स्थापित कराए।
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मूल रूप से योग का मतलब यह है, कि खुशहाली की खोज में आप ऊपर देखना छोड़ दें। क्योंकि अगर आप ऊपर देखना शुरू करेंगे तो आपको मतिभ्रम होने लगेगा, आप ऐसी चीजों को देखना शुरू कर देंगे, जो आपके अनुभव में नहीं हैं।
पिछले कुछ समय से हम राजनैतिक, आर्थिक व अकादमिक नेताओं के साथ काम कर रहे हैं, क्योंकि उनका दूसरों के कल्याण और दूसरों के जीवन पर कुछ हद तक असर होता है। आज से लगभग ग्यारह साल पहले हमारे ‘होलनेस कार्यक्रम’ के दौरान एक प्रतिभागी ने सवाल किया था कि सद्गुरु ये सब तो ठीक है, लेकिन इससे देश का क्या भला होगा? तब मैंने जवाब दिया था कि हमारे पास दो हजार ऐसे लोगों की सूची है, जो इस देश में बदलाव लाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। आप मुझे इन दो हजार लोगों से मिलवा दीजिए, फिर आपको एक खूबसूरत बदलाव दिखाई देगा। इतने सालों में मुझे लगता है कि हमने इन दो हजार लोगों में तकरीबन 40 फीसदी लोगों के जीवन को छुआ है। वे सब एक बदलाव ला रहे हैं, चुपचाप बिना किसी शोर-शराबे के।
आज वह स्थिति आ गई है, जहां कई देशों के नेता योग के बारे में बात कर रहे हैं। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं हो रहा, बल्कि यूनाइटेड नेशंस जैसी सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय संस्था के मंच पर भी इसके बारे में बात हो रही है।
हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन अवश्य कुछ न कुछ ऐसा करना चाहेंगे, जो इस धरती पर जरूर कोई खास प्रभाव डालेगा। हम दुनिया को ऐसा सरल योग भेंट करना चाहते हैं, जिसे हर कोई कर सके। कुछ ऐसा बताना चाहते हैं, जिससे लोग न सिर्फ तुरंत तालमेल बिठा लें, बल्कि वे अपने पूरे सिस्टम में एक खास तरह की लय ला सकें। तब हम उन्हें योग के ज्यादा से ज्यादा विस्तृत रूप भेंट कर सकेंगे। हम लोग तकरीबन 100 ऐसी जगह देख रहे हैं, जहां उस दिन सुबह से लेकर शाम तक योग के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा सकें। आप इन तमाम जगहों पर स्वयंसेवा कर सकते हैं या फिर आप अपने स्तर पर कहीं और कुछ कर सकते हैं। अगर आप अपने स्तर पर खुद ही कुछ करना चाहते हैं तो हम आपको इससे संबंधित कुछ सरल वीडियो भी उपलब्ध करा सकते हैं। बस आप एक चीज तय कीजिए, कि उस दिन कम से कम दस अलग-अलग लोग योग का कोई सरल रूप सीख सकें। एक मिनट, पांच मिनट या सात मिनट के योग के बाद उनमें एक सूक्ष्म रूपांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मतलब है कि पूरी दुनिया को किसी न किसी तरह का योग करना चाहिए। आइए हम इसे साकार कर दिखाएं।