कावेरी पुकारे अभियान की झलकें - मैसूर में तीसरा दिन
कावेरी पुकारे के मोटरसाइकिल सवार हुन्सुर से मैसूर पहुंचे। देखते हैं कुछ झलकें।

कावेरी पुकारे के मोटरसाइकिल सवार मैसूर शहर पहुंचे, जो खुद को इस पहल का स्रोत बता सकता है, क्योंकि ये सद्गुरु की जन्मभूमि है।




सद्गुरु एक कृषि-वानिकी करने वाले किसान से मिले
किसान गंगाधर ने सद्गुरु को अपने कृषि वानिकी के तरीके बताकर प्रभावित किया, जो वे अपने 12 एकड़ के खेत में अपनाते हैं। सद्गुरु बताते हैं कि कैसे कृषि वानिकी जमीन के प्रकार के अनुसार बदलती है, और कैसे इसे एक वैज्ञनिक तरीके से किया जाता है।
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ईशा संस्कृति छात्रों के तीव्र कलारिपयट्टू प्रदर्शन से मैसूर का कार्यक्रम स्थल और भी ज्यादा ऊर्जा से भर गया।


मैसूर का खुला थिएटर नीले रंग से भरपूर था।


6:20pm - अनन्या भट, जो मैसूर की प्रसिद्द गायिका हैं, ने अपने विशिष्ट गीत 'सोजुगादा सूजु मल्लिगे' से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

आज मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में, कंगना रनौत, जो कावेरी पुकारे को निरंतर समर्थन देती रही हैं, ने कावेरी घाटी में 1 लाख पेड़ लगाने के लिए 42 लाख रुपए का योगदान दिया। वे कावेरी के महत्व को पहचानती हैं, क्या आप पहचानते हैं?

पांडिचेरी की एक स्वयंसेवक, ज्योति ने अपने घर में पेंटिंग करने के लिए एक पेंटर को बुलाया था। कावेरी पुकारे के प्लेकार्ड देखकर, पेंटर ने पांच पेड़ों के लिए योगदान दिया। ज्योति कावेरी पुकारे को मिल रहे ज़बरदस्त समर्थन से आश्चर्यचकित हैं।



