सद्‌गुरुसद्‌गुरु से एक प्रश्न पूछा गया - कि ऐसा क्यों है कि इस पीढ़ी के लोग  अवसाद, डिप्रेशन और उदासी जैसे मन के रोगों से ज्यादा पीड़ित हैं। सद्‌गुरु बता रहे हैं तीन सरल नुस्खे इन रोगों को दूर भगाने के

प्रश्न: सद्‌गुरु, अवसाद, घबराहट जैसे मानसिक रोग आजकल बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। आखिर समाज में पिछली पीढ़ियों के मुकाबले ऐसा क्या बदलाव आ गया है जिसने इन बिमारियों को इस तरह से बढ़ा दिया है?

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1. शारीरिक श्रम को बढ़ाना

सद्‌गुरु : आजकल अवसाद ने महामारी का रूप ले लिया है। इसका एक मूलभूत कारण यह है कि हम जरूरत से अधिक खा रहे हैं और पर्याप्त शारीरिक श्रम नहीं कर रहे। शारीरिक गतिविधि शरीर के रासायनिक संतुलन को बरकरार रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

अधिक खाना और पर्याप्त शारीरिक श्रम न करना, प्रकृति और पंचतत्वों से कोई संपर्क न रखना, भावनात्मक सुरक्षा का अभाव
पिछली कुछ पीढ़ियों से हमने शारीरिक मेहनत करना बहुत कम कर दिया है। इससे शरीर में रासायनिक संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। फिर वह अवसाद जैसे रूपों में सामने आता है। कुछ लोग एक कोने में उदास बैठे रहते हैं। ‘बाइपोलर’ विकार से ग्रस्त लोग हिंसक हो सकते हैं। आम तौर पर रसायनों, टेबलेटों या इंजेक्शनों से उन्हें शांत किया जाता है। यह व्यक्ति की क्षमताओं को नष्ट कर देता है।

2. प्राकृतिक वातावरण में पंच तत्वों के साथ जुड़ना

संतुलन कायम करने के सरल और सबसे बेहतर तरीकों में एक है, प्राकृतिक वातावरण में खूब शारीरिक गतिविधि करना। इसे बचपन से किया जाना चाहिए। एक और पहलू है, पूरी चेतनता में प्रकृति के पंचतत्वों – धरती, जल, वायु, धूप या अग्नि और आकाश के संपर्क में रहना।

एक और कारक है वह भोजन, जो आप खाते हैं। अधिक प्रोसेस्ड भोजन से परहेज करना चाहिए।
पहले इंसान को पूरी जागरूकता के साथ इन तत्वों के संपर्क में रहना ही पड़ता था। मान लीजिए, आप जमीन पर खेती कर रहे हैं या जंगल में टहल रहे हैं, तो आपको पता रखना पड़ता था कि प्रकृति के विभिन्न तत्व कैसे काम कर रहे हैं और किसी भी समय वे आपके और आस-पास की चीजों पर कैसे असर डालते हैं। एक और कारक है वह भोजन, जो आप खाते हैं। अधिक प्रोसेस्ड भोजन से परहेज करना चाहिए।

3. भावनात्मक सुरक्षा का होना

भावनात्मक सुरक्षा की कमी भी एक वजह है, जिससे आज की पीढ़ियां जूझ रही हैं। लोग किसी के साथ अपनी भावनाएं नहीं जोड़ सकते, क्योंकि कोई लंबे समय तक साथ नहीं देगा।

संक्षेप में कहें, तो मुख्य रूप से बदलती जीवनशैली ही अवसाद के बढ़ने की वजह है। अधिक खाना और पर्याप्त शारीरिक श्रम न करना, प्रकृति और पंचतत्वों से कोई संपर्क न रखना, भावनात्मक सुरक्षा का अभाव, इन सभी चीजों के कारण आज दुनिया में अवसाद इतना फैल गया है। अगर हम इन पहलुओं का ख्याल रखें, तो हम अवसाद और दूसरे मानसिक विकारों की व्यापकता को काफी हद तक कम कर सकते हैं।