Main Centers
International Centers
India
USA
Wisdom
FILTERS:
SORT BY:
योग का मतलब है अपने व्यक्तित्व की सीमाओं को मिटाकर ब्रह्मांड के साथ एकत्व का अनुभव करना।
जो काम आप अचेतन होकर करते हैं, वही काम आप सचेतन भी कर सकते हैं। अज्ञानता और आत्मज्ञान के बीच बस यही फर्क है।
यह सृष्टि मनुष्य-केंद्रित नहीं है। आप इस ब्रह्मांड में एक छोटे से कण मात्र हैं।
किसी भी व्यक्ति या वस्तु के प्रति आपका कोई दायित्व नहीं है। यदि आपके भीतर प्रेम और परवाह की भावना है, तो आप वही करेंगे जो जरूरी है।
हमें सत्य के रूप में किसी सत्ता की जरूरत नहीं हैl सत्य ही एकमात्र सत्ता है।
निष्कर्ष आपको बिना स्पष्टता के आत्मविश्वास देता है। बिना स्पष्टता के आत्मविश्वास का होना विनाशकारी होता है।
मन एक पागलपन है; जब आप मन से परे चले जाते हैं तभी ध्यान घटित होता है।
मिट्टी एक जीवंत सत्ता है—यह हमारी संपत्ति नहीं है। यह हमें विरासत में मिली है और हमें इसे आने वाली पीढ़ियों को जीवित मिट्टी के रूप में ही सौंपना है।