जनक एक आत्म-ज्ञानी राजा और महागुरु अष्टावक्र के शिष्य थे। एक दिन जब वे महागुरु अष्टावक्र के आश्रम में उनकी सत्संग में बैठे थे, उनका एक सिपाही दौड़ते हुए उनके पास आया और बोला, "राज महल में आग लग गई है। आपको तुरंत चलाना होगा।" आइए, सद्गुरु से सुनते हैं कि आगे क्या हुआ...
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