अमेरिका से मिली एक पाती
इस हफ्ते के स्पॉट में सद्गुरु लिखते हैं सिएटल ओर कैलिफोर्निया के अपने बेहद व्यस्तता भरे दौरे के बारे में और खुलासा करते हैं अमेरिका को आदि योगी स्थान भेंट करने की अपनी योजना। "हम लोग उत्तरी अमेरिका में आदि योगी के स्वागत ...
मुलाकातों, बैठकों व कार्यक्रमों के लंबे सिलसिले और यात्राओं की भागदौड़ के चलते बेहद व्यस्तता भरे दो हफ्ते बिताने के बाद अब दो दिन थोडे़ आराम और चैन में बिताने को मिले। इस दौरान मुझे एक ही जगह पर तीन सुबह जागने का और साथ ही सैन फ्रांसिस्को में थोड़ा गोल्फ खेलने का भी मौका मिला।
सिएटल में एक छोटा, लेकिन बहुत ही सुंदर सत्संग हुआ। सिएटल हमारा सबसे छोटा, लेकिन बड़े दिल वाला केंद्र है। अब यहां के सारे लोग इस खूबसूरत और नमी भरे शहर में आदि योग स्थान बनाने के लिए कमर कस चुके हैं। हम लोग उत्तरी अमेरिका में आदि योगी के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं। हम यहां के लोगों को एक बना बनाया आदि योगी स्थान भेंट करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। यह विभिन्न आकारों में उपलब्ध होगा। हम लोग आसानी से बनाये जाने वाले मॉडल पर काम कर रहे हैं, साथ ही साथ इससे आवश्यक जानकारियां भी लोगों को दी जाएंगी। एक बात तो पूरी तरह से साफ है कि मेरे दुनिया से जाने से पहले मैं यह जरूर देखूना चाहूंगा कि मानव चेतना को आकार देकर उसे जागृत करने में अथवा मानव चेतना के विकास के जो तरीके उन्होंने भेंट की उसके लिए आदि योगी के योगदान को माने जाने लेगा है और लोग उन्हें इसका श्रेय देने लगे हैं।
मानव तंत्र को खोजने व उसको समझने की जैसी कोशिश आदि योगी ने की वैसी कोशिश न तो उनसे पहले कभी हुई है और न ही उनके बाद किसी ने की है। उन्हें श्रेय देने का सबसे अच्छा तरीका होगा कि मानव चेतना को जागृत करने की जितनी संभावनाएं उन्होंने दी, उसे हम अपने जीवन में उतार सकें। मानव चेतना को जगाना ही हम सब के जीवन का एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण मकसद है। एक पीढ़ी के तौर पर हमें ऐसी अनोखी परस्थितियां और परिवेश मिला है, जिसमें हमारा दैनिक जीवन यापन इतनी अच्छी तरह से व्यवस्थित हैं, जैसा पहले कभी नहीं था, जिस तरह की सुविधाएं और आराम हमें मिला है, वह पहले कभी नसीब नहीं हुआ। सबसे बड़ी बात कि तमाम मुद्दों और मुश्किलों से निपटने के लिए जैसी क्षमताएं, साधन और तकनीक आज उपलब्ध हैं, वैसे इस धरती पर इससे पहले कभी संभव नहीं थीं। अगर किसी चीज की कमी है तो वह है उस मानव की, जिसका अनुभव सबको शामिल करने वाला हो, ताकि वह सही दिशा में आगे कदम बढा सके। हमारे समय की आज जितनी भी बुराईयां हैं, उसका एक मात्र काट आदि योगी हैं। सही मायनों में वह हमारे समय के व्यक्ति हैं, क्योंकि वह आपसे आपका विश्वास या भरोसा नहीं मांगते, बल्कि आपको रूपांतरण का विज्ञान देते हैं।
मैं तकरीबन 24 घंटे लॉस एंजेलस में रहा। इस दौरान जहां कुछ पुराने दोस्तों से मिलना हुआ, वहीं अमेरिका के जाने-माने एक्टर ईड बेगले से भी बातचीत हुई। इस दौरान उनके परिवार की शानदार मेहमानवाजी और कुछ दोस्तों के साथ मुलाकात का लुत्फ लेने का मौका मिला। यह पूरा ‘संवाद’ ईड के पसंदीदा विषय पर्यावरण और इस क्षेत्र में पूर्वी संतों के योगदान पर घूमता रहा। फिलहाल दो दिनों के लिए न्यू यॉर्क में हूं। इस दौरान कई मीटिंगों के साथ-साथ एक शाम न्यू यॉर्क सोसाइटी ऑफ सिक्योरिटी एनालिस्ट संस्था के साथ बिताने का मौका मिला। ये लोग सिर्फ अमेरिका के ही नहीं, बल्कि कई मायनों में दुनिया के भी मार्केट मुगल हैं। जरा बाजार पर भी नजर रखिए, अगर बाजार में तेजी आती है तो समझ लीजिए कि इसके लिए ईशा की इनर इंजीनियरिंग ही कसूरवार है।
Subscribe