21 दिसम्बर को ईशा योग केंद्र में, आदियोगी के सामने, काशी विश्वनाथ मंदिर से आए अर्चक योगेश्वर लिंग को सप्त ऋषि आरती समर्पित करेंगे।
जब आदियोगी शिव ने सप्त ऋषियों को ज्ञान दिया और वे सभी पूर्ण आत्मज्ञानी हो गए, तब भगवान शिव ने कहा, “अब तुम लोग जाओ, पूरी दुनिया में जाकर इसे फैलाओ” और उन्हें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिया। जाने से पहले सप्तऋषियों ने अपनी चिंता व्यक्त की, “अब अगर हम चले जाते हैं, तो शायद हम आपके दर्शन कभी नहीं कर पाएंगे। जब हमें आपकी जरुरत हो तब हम आपको कैसे पा सकते हैं? तब शिव ने उन्हें एक सरल प्रक्रिया सिखाई, जो आज भी सप्तऋषि आरती के रूप में जीवित है।
21 दिसम्बर को ईशा योग केंद्र में, आदियोगी के सामने, काशी विश्वनाथ मंदिर से आए अर्चक योगेश्वर लिंग को सप्त ऋषि आरती समर्पित करेंगे।
Subscribe