यक्ष उत्सव: नृत्य और संगीत का अनोखा संगम
ईशा फाउंडेशन हमेशा से देश की ललित कलाओें की विशेषता और शुद्धता को बनाए रखने और उनकी विविधता को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता रहा है। इसी कोशिश के तहत, ईशा योग केन्द्र में ध्यानलिंग और लिंग भैरवी योग मंदिर परिसर में हर साल संगीत और नृत्य का सात दिवसीय उत्सव ‘यक्ष’ का ...

"हमारे देश में आध्यात्मिकता और संगीत दोनों ही एक दूसरे से बहुत गहराई में जुड़े हुए हैं। मैं सद्गुरु का बहुत शुक्रगुजार हूं कि वे इसे एक बार फिर हमारी संस्कृति में वापस ला रहें हैं।" - पंडित शिवकुमार शर्मा (विख्यात संतूर वादक)
ईशा फाउंडेशन हमेशा से देश की ललित कलाओें की विशेषता और शुद्धता को बनाए रखने और उनकी विविधता को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता रहा है। इसी कोशिश के तहत, ईशा योग केन्द्र में ध्यानलिंग और लिंग भैरवी योग मंदिर परिसर में हर साल संगीत और नृत्य का सात दिवसीय उत्सव ‘यक्ष’ का आयोजन किया जाता है।

इस साल यह रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम 3 से 9 मार्च 2013 के बीच ईशा योग केन्द्र में आयोजित किया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी भारत के जाने-माने कलाकार शाम में संगीत कॉन्सर्ट और नृत्य पेश कर रहें हैं। इनमें से हरेक दिन प्राचीन सांस्कृतिक और आधुनिक कलाओं का एक विशेष मेल देखने को मिलेगा। 2013 के यक्ष उत्सव की समाप्ति सारी रात मनाए जाने वाले त्योहार महाशिवरात्रि के साथ होगी ।
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आप भी इस अनोखे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं
(प्रवेश निःशुल्क)
3 - 9 मार्च, ईशा योग केन्द्र, शाम 6‐50बजे से 8‐30 बजे
3 मार्च - टी एन कृष्णन (कर्णाटक वायनलिस्ट)
4 मार्च - अभीषेक लाहिरी (सरोद वादक)
5 मार्च - माधवी मुदगल (उडीसी नृत्य)
6 मार्च - उल्हास कशलकर (हिंदुस्तानी गायकी)
7 मार्च - निशात खान (सितार)
8 मार्च - सुभ्रा गूहा (हिंदुस्तानी गायकी)
9 मार्च - टी एम कृष्णा (कर्णाटक गायकी)