नया भारत तराशने का सूत्र पूछते हैं सद्गुरु से – किरण बेदी
किरण बेदी, भारत की पहली महिला पुलिस अधिकारी, बता रही हैं कि इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम में उनका अनुभव कितना अद्भुत था और 6 जून को सद्गुरु के साथ होने वाली चर्चा को लेकर वह कितनी उत्साहित हैं।
किरण बेदी, भारत की पहली महिला पुलिस अधिकारी, बता रही हैं कि इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम में उनका अनुभव कितना अद्भुत था और 6 जून (2014) को सद्गुरु के साथ होने वाली चर्चा को लेकर वह कितनी उत्साहित हैं।
मैंने सद्गुरु की प्रतिभा के बारे में सुना था लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें सुनना और देखना चाहती थी। पिछले साल चेन्नई में एक कांफ्रेंस के दौरान मुझे एक बढ़िया अवसर मिला। उन्हें सुनकर और देखकर उनके बारे में मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई। जब मैंने कांफ्रेंस में उनका अभिवादन किया, तो उन्होंने मुझे कोयंबटूर के निकट ईशा योग केंद्र में आने का न्यौता दिया।
आश्रम पहुंचकर पहले हमने हलका नाश्ता किया, उसके बाद मैंने अद्भुत ध्यानलिंग देखा और फिर आश्रम का चक्कर लगाया। आश्रम आनंदित लोगों से भरा हुआ था। हम ईशा होम स्कूल में प्रतिभाशाली बच्चों से भी मिले। सद्गुरु ने खुद अपनी जीप में मुझे चारों ओर घुमाया। मैं तब तक नहीं जानती थी कि मैं एक ऐसे गुरु के साथ घूम रही हूं, जिनके दुनिया भर में लाखों शिष्य हैं। मैंने सद्गुरु के साथ अपनी तस्वीर भी ट्वीट की थी।
चलते समय उपहार में मुझे एक बैग दिया गया, जिसमें कुछ डीवीडी और सद्गुरु की जीवनी थी (मानो यह कहने के लिए कि अगली बार मुझसे मिलने से पहले कृपया तैयारी कर लें)। जब मैंने वह किताब पढ़नी शुरू की, तो मैं उसे नीचे रख नहीं पाई। अब मुझे पता चला कि मैं एक दिव्य आध्यात्मिक गुरु, एक योगी के साथ थी। मुझे लगा कि मैंने अलग तरीके से उनसे जुड़ने का एक अवसर खो दिया।
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उनसे सीखने की मेरी प्यास दिन-ब-दिन बढ़ती गई। मैंने उनकी वेबसाइट और यूट्यूब पर मौजूद वीडियो देखे। अब मैं रोजाना यह काम करती हूं! मेरे लिए वह पोषण का दैनिक स्रोत बन गया। हर दिन बहुत से मामलों और घटनाओं के प्रति मेरे दृष्टिकोण में और स्पष्टता आती गई। मैंने बहुत से लिंक अपने परिवार और सहयोगियों को भी मेल करना शुरू किया। मुझे उनसे इतना लाभ हो रहा था कि मैं चाहती थी कि उन्हें भी वह लाभ मिले। मैंने अपनी बहन अनु और अमेरिका में रहने वाले अपने भतीजे को यह कोर्स करने के लिए कहा। मैंने उनसे यह भी कहा कि इसे बाकी सभी चीजों से ऊपर प्राथमिकता दें। उस कोर्स के बाद, मेरी बहन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
Blessed on #Buddha Pournami by completing #InnerEngineering with team @ishafoundation . Gratitude to @SadhguruJV pic.twitter.com/kcCVrSjnwZ
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) May 14, 2014
किस्मत की बात है, मेरे लिए ‘एक राष्ट्र का निर्माण’ विषय पर सद्गुरु के साथ चर्चा के लिए एक विशेष कार्यक्रम का न्यौता आया। वह एक दुर्लभ चुनौती होगी। क्या इसमें कोई ईश्वरीय इच्छा थी?
मैंने फैसला किया कि इस दिव्य आध्यात्मिक गुरु से दोबारा मिलने से पहले कम से कम सद्गुरु द्वारा करवाए जाने वाले ‘इनर इंजीनियरिंग’ का शुरुआती कोर्स कर लूं। मैंने अपने दोनों फाउंडेशन्स के मुख्य टीम लीडरों के साथ एक कोर्स का अनुरोध किया। दिल्ली के ईशा केंद्र के स्वामी नक्षत्रा और मां एकीशा ने हमारी पसंदीदा तिथियों के लिए सहमति दे दी। उन्होंने अपनी हर संभव कोशिश की। वे हमारे कुछ सख्त व संकीर्ण नजरिये बदलने में कामयाब रहे। हमारी दीक्षा बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन होनी थी। मुझे इससे ज्यादा और क्या चाहिए था।
हमारे दोनों संगठनों में, सभी जिम्मेदारियां संभालने वाले सौ से अधिक कर्मचारी – शिक्षक, रिकार्ड रखने वाले, सफाई कर्मी, भोजन बनाने वाले, ऑफिस की देखभाल करने वाले, ड्राइवर, आदि – अगले कुछ
दिन में इस कोर्स में शामिल होंगे। हममें से जिन लोगों ने पहले ही कोर्स कर रखा है, वे स्वयंसेवा करेंगे और उन्हें भोजन परोसेंगे। (पहली बार हम अपनी सीमाओं को तोड़ेंगे )।
मैंने और मेरे सहयोगियों ने तब से अपनी शांभवी महामुद्रा क्रिया जारी रखा है। अब तो यह आदत बन चुकी है। हर कोई अपने विचारों और क्रियाओं के प्रति अधिक जागरूक, अधिक आत्म-संचालित, पहले से अधिक शांत और संयमित है। हर कोई अपने काम पर और घर में अधिक खुश है। हर कोई अधिक ऊर्जावान महसूस कर रहा है, दिन भर में पहले से अधिक काम कर रहा है। अपने और अपनी टीम के सदस्यों के लिए कोई और क्या चाह सकता है? ईशा फाउंडेशन के साथ जुड़ने और इस कोर्स को करने से इतने बदलाव हुए हैं।
चलिए इसका जवाब सद्गुरु से पूछते हैं। क्योंकि हमें उनकी जरूरत है। और एक नया भारत तराशने के इच्छुक तथा कृतसंकल्प श्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी नई सरकार को एक रूपरेखा तैयार करके दें। इन जवाबों को 6 जून को ‘एक राष्ट्र का निर्माण’ विषय पर ‘सद्गुरु के साथ चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान सुना जा सकता है। आशा है, आप सब उसमें शामिल होंगे। वहां मौजूद और सुनने वाले हम सब के लिए यह एक कृपा होगी।
पहले गुरु गोयनकाजी से विपासना सीखना एक उपलब्धि हुआ करती थी, फिर बहुत संवेदनशील श्री श्री से आर्ट ऑफ लिविंग सीखने को मिला और अब सद्गुरु का शक्तिशाली इनर इंजीनियरिंग कोर्स। इसने मेरे जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना दिया है।
मेरे लिए यह एक अंतहीन सफर की ओर एक ऊंची छलांग है।
संपादक की टिप्पणी: 6 जून को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में सद्गुरु और किरण बेदी को एक राष्ट्र के निर्माण पर चर्चा करते हुए देखें। लाइव वेबस्ट्रीम या प्रवेश पास के लिए अभी पंजीकरण कराएं।