नदी अभियान : देखें लाइव – लखनऊ में हुए कार्यक्रम की झलकें
नदी अभियान रैली कानपुर के बाद लखनऊ पहुंची। लखनऊ में माननीय मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी और सद्गुरु के बीच संवाद - इन कन्वर्सेशन विथ द मिस्टिक आयोजित हुआ। जानते हैं लखनऊ में हुए कार्यक्रम के बारे में और देखते हैं कुछ तस्वीरें।
जबरदस्त समर्थन मिल रहा है उत्तर भारत में
उत्तरी मैदानों में रैली को मिले जबरदस्त समर्थन का सबसे शानदार पहलू यह है कि इन कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले स्वयंसेवकों में से 90% ने ईशा योग का कोई भी कार्यक्रम नहीं किया है।
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यह जनता की एक उल्लेखनीय जैविक क्रांति है; तमिलनाडु या भारत के अन्य दक्षिणी राज्यों में ईशा के समर्पित प्रयासों के वर्षों के परिणाम से थोड़ा अलग है। इस स्वयंसेवकों ने आस्था, ईशा लहर, यूट्यूब और सोशल मीडिया पर महाशिवरात्रि के माध्यम से सद्गुरु के बारे में सुना, और उनके कार्य से गहराई से प्रेरणा पाई।
सारे रास्ते भर, सद्गुरु का स्वागत करने के लिए सड़को पर भीड़ लगाने वाले ग्रामीणों के पास अलग-अलग उद्देश्य थे। कुछ तो इस बात से अभिभूत थे कि एक ऋषि या एक संत अपनी नदियों को बचाने के लिए पूरे भारत में यात्रा कर रहे हैं। दूसरे सजीव गुरु के दर्शन करने आये थे, या उन्हें और रैली को भेंट करते हैं।
एक असामान्य इन कन्वर्सेशन आयोजन
लखनऊ में हुए कार्यक्रम में लोगों और बच्चों से भरे पूरे हॉल ने नदी अभियान की पहुंच का दायरा और पैमाना दर्शा दिया ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की पूरी आबादी की ओर से अपना आभार और पूर्ण समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक या सामाजिक नारा नहीं है। यह एक ज्वलंत मुद्दा है और यूपी सरकार इसे लागू करने के लिए अपनी ओर से सभी प्रयास करेगी।
सद्गुरु ने बार-बार नदी की समस्या के लिए एक व्यापक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण के क्रियान्वयन पर जोर दिया। "नागरिकों को नदियों की मदद करने के लिए अपनी चीजों को बेतरतीब तरीके से नहीं करना चाहिए, और रणनीतिक नीतियों और नियोजन ही एकमात्र स्थायी तरीका है,
भारतीयों में भावनाएं बहुत अधिक है, लेकिन सही कार्रवाई का अभाव हैं। लोग क्षतिपूर्ति का काम नहीं कर रहे है। जैसे गंगा माता हमारे लिए पवित्र है, लेकिन हम इस में थूक रहे हैं और गंदा कर रहे हैं", उन्होंने कहा।
सद्गुरु ने पूछा हिंदी में प्रश्न
सद्गुरु ने, बहूत ही विनम्रतापूर्वक, कुछ शब्द हिंदी में बोले और योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत करते हुए उनकी ही भाषा में एक प्रश्न पूछने की कोशिश की। सद्गुरु को हिंदी में बात करते सुनना बहुत ही मधुर था।
नदी अभियान रैली भारत के गुलाबी शहर, जयपुर में नीले रंग की छटा बिखेरने के लिए आगे बढ़ गयी ।