ईशा लहर जनवरी 2017 – सुखी और स्वस्थ जीवन के 8 सूत्र
हमारा नव वर्ष अंक, मनुष्य के भीतर छुपी संभावनाओं को उजागर करने पर केन्द्रित है। इस अंक में पढ़ते हैं रिश्तों, प्रेम, योग और अन्य विषयों से जुड़े अनेक सूत्र

सुखी और स्वस्थ जीवन के 8 सूत्र
खेतों में पसीने बहाता एक किसान हो या कंप्यूटर पर अंतरिक्ष का हाल समझता एक वैज्ञानिक, किसी फैक्ट्री में मेहनत करता एक मजदूर हो या किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का सीईओ, सबकी मेहनत का एक ही मकसद है, जीवन को खुशहाल बनाना। यह अलग बात है कि कोई अपने व अपने परिवार को खुशहाल बनाने की जद्दोजहद में है तो कोई हजारों, लाखों लोगों के जीवन में खुशहाली लाने की कोशिश में जुटा है। लेकिन आश्चर्य है कि सबका एक ही मकसद होने के बावजूद आज पूरी दुनिया में कितने लोग खुश हैं? सुख-सुविधाएं तो हैं, लेकिन खुशी या आनंद नहीं दिखता। आखिर क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम इसे गलत जगह ढूंढ रहे हैं? कोई उसे पैसे में ढूंढ रहा है, तो कोई उसे पद में, कोई उसे शोहरत में ढूंढ रहा है तो कोई उसे रिश्तों में। तो क्या इन चीजों में खुशी नहीं मिलती? अगर मिलती है तो वे लोग जिनके पास ये चीजें हैं, दुखी क्यों हैं? और अगर नहीं मिलती तो फिर मिलेगी कहां? कैसे बनाएं हम अपने जीवन को सुखी और स्वस्थ? सद्गुरु से जानते हैं अपने जीवन को सही मायने में खुशहाल बनाने के कुछ आसान से सूत्र:
- 1. बनाएं खूबसूरत रिश्ते
- 2. जीवन को दें एक सही दिशा
- 3. योग की शरण लें
- 4. बाहर नहीं, अपने भीतर ढूंढ़ें प्रेम
- 5. आप जरूर खेलें कोई खेल
- 6. इन्कार नहीं, स्वीकार करना सीखें
- 7. तोड़ें पसंद और नापसंद की सीमाएं
- 8. संपूर्ण जिम्मेदारी लें
जीवन जीने के लिए उमंग और जोश ज़रूरी है, और इन्हें जगाने के लिए ऐसे अवसर ज़रूरी हैं। इस नए साल के आगमन के साथ आप एक नए जोश, एक नए उत्साह और नए संकल्प के साथ ख़ुद को सचेतन बनाकर अपने जीवन को सुखी और स्वस्थ बनाएं - इसी मनोरथ के साथ हमने इस अंक को सजाया-सँवारा है। नव वर्ष की स्नेहिल मंगलकामनाओं के साथ...
Subscribe


