गीत
इस हफ्ते के स्पॉट में सद्गुरु ने एक कविता लिखी है।
ArticleMay 16, 2012
गीत
एक खाली बांस
अपने भीतर बहती बयार को
बदल देता है मधुर गीत में।
Subscribe
Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.
अपने अहम का लबादा ओढे़ मूर्ख
बैठा होगा मूक और नि:शब्द
जब खिलखिला और गुनगुना रही होगी
कायनात सारी
अगर सुननी है जीवन के
मधुर गीत का गूंजन
तो रीतना होगा
खुद से ही खुद को
भर उठोगे इस दिव्य गीत की
मिठास, माधुर्य और खुशबू से तुम
जब कर लोगे खुद को
गुरु की इच्छा में लवलीन
Love & Grace