एमआईटी में हुई एक पैनल चर्चा में, सद्गुरु दिमाग और चेतना से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं। वे बताते हैं कि योग विज्ञान के अनुसार मन की चार परतें होती हैं, मनस, यानि यादों का भण्डार; तार्किक बुद्धि; अहंकार, यानि हमारी पहचान; और चित्त, यानि एक बुद्धि या प्रज्ञा जिसकी कोई सीमा नहीं है।