नदी अभियान : देखें लाइव – चंडीगढ़ में हुए कार्यक्रम की झलकें
नदी अभियान रैली जयपुर के बाद चंडीगढ़ पहुंची। पानीपत में रात 11 बजे रात का खाना खाने के बाद, रैली सुबह 3 बजे चंडीगढ़ पहुंची। जानते हैं चंडीगढ़ में हुए कार्यक्रम के बारे में और देखते हैं कुछ तस्वीरें।
जयपुर से रवानगी
जयपुर में एक शानदार और व्यस्त रैली के बाद, नदी अभियान की सभी गाड़ियाँ अपने अगले पड़ाव चंडीगढ़ के लिए रवाना हुईं। यह एक लंबी यात्रा थी और हमने काफी देर से चलना शुरू किया था।
अपनी यात्रा शुरू करने के करीब छह घंटे बाद हम जलपान आदी के लिए रुके। इसके लगभग दो घंटे बाद हम रात के खाने के लिए रुके तब तक रात के ग्यारह बज चुके थे । यह जगह थी “गोल्डन ड्रीम्स”, पानीपत, और यह एक सुनहरा सपना ही था। रंगीन रोशनी और झूमर के साथ एक बहुत ही खूबसूरती से सजाया हुआ स्थान था । यहां, सद्गुरु ने लगभग 200-250 समर्थकों के छोटे समूह को संबोधित किया, और बिना देर किए वे चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।
अगले कार्यक्रम के लिए सिर्फ कुछ ही घंटों का आराम
स्वयंसेवक, इनमें से कईयों ने कार्यक्रम की व्यस्तता के कारण पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया था, हॉल के दोनों तरफ भोजन की दो पंक्तियों के बीच खुद को व्यस्त रखे हुए थे .... हॉल की एक तरफ दक्षिण भारतीय वस्तुएं, फल और सूप थे और दूसरी तरफ उत्तर भारतीय और कोंटीनेंटल व्यंजन थे। रैली में हम दक्षिण से उत्तर तक यात्रा कर रहे हैं, लेकिन यहां, हमने सभी को इधर उधर जाते हुए देखा सभी लोग ज़्यादा से ज़्यादा व्यंजनों का स्वाद चखना चाहते थे। हम मध्यरात्रि को करीब सवा बारह बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए, रात तीन बजे के कुछ मिनट बाद हम चंडीगढ़ पहुंचे। हमें चंडीगढ़ सरकार द्वारा यू.टी. गेस्ट हाउस में ठहराया गया, जहां हम सुबह होने तक कुछ घंटों का आराम करेंगे, ताकि अगले दिन के लिए तैयार हो।
नदी अभियान चंडीगढ़ कार्यक्रम के संबोधन
29 सितंबर, चंडीगढ़ कार्यक्रम
श्री एच.ई.वी.पी. सिंह बदनोर, पंजाब के माननीय राज्यपाल
"नदी अभियान एक जनमत-संग्रह है, जिसमें पूरा देश अपने विचार का समर्थन दर्ज कर सकता है। हम इसको लागू करें और यही प्रधान मंत्री का सपना भी है।"
श्री कप्तान सिंह सोलंकी, हरियाणा के माननीय राज्यपाल
"जिस तरह जन आन्दोलन बनाने का श्रेय महात्मा गांधी को जाता है, जब उन्होंने 9 अगस्त 1942 को आह्वान किया था, कि अंग्रेजों को भगाओ। और इनको भागाने के लिए डू और डाई कुछ भी करो। लेकिन भगाओ। महाराज सद्गुरु जी ने इसको जन आन्दोलन बनाने के लिए जो ये प्रयास प्रारंभ किया है। ये स्तुति के योग्य है।"
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हरियाणा के माननीय मुख्य मंत्री - श्री मनोहर लाल खट्टर
"मैं आभार व्यक्त करता हूँ, सद्गुरु वासुदेव जी का जिन्होंने इस अभियान को अपने हाथ में लिया है। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हरियाणा की जनता इस अभियान में आपके साथ खड़ी है।
नदियों की स्वच्छता का पर्यावरण का जो काम आपने हाथ में लिया है, ये बहुत ही सराहनीय प्रशंसनीय कार्य है। जिसके लिए हम कम से कम हरियाणा सरकार, हरियाणा की जनता के रूप में आपको आश्वासन दिला सकते हैं कि इस अभियान में जो भी काम आप हमारे सामने रखेंगे हमें बताएंगे, उस पर हम पूरा उतरेंगे और उसमें पूरा हम सहयोग करेंगे। इस काम के लिए हम पुनः आप सबको बहुत बहुत बधाई बहुत बहुत शुभकामना देता हूँ। धन्यवाद।"
श्रीमती किरण खेर, सांसद, चंडीगढ़
"मैंने आज जो कपड़े पहने हैं, वो नीले और हरे रंग के है। नदियों के लिए नीला और उन पेड़ों के लिए हरा जिन्हें लगाए जाने की जरुरत है। मैं मिस्ड कॉल देने वाले पहले लोगों में से एक थी। मुझे सिर्फ एक एसएमएस मिलने पर मैंने मिस्ड कॉल दे दिया था। मुझे लगता है कि इसे एक महीने से ज्यादा हो गया। और फिर मैंने अन्य लोगों को इसके बारे बताया। इसलिए इस देश के बच्चों के लिए, लोगों के लिए और इस देश के जीवन के लिए, सभी लोग ये मिस्ड कॉल दें और नदी अभियान से जुड़ें।"
पंजाब सरकार ने ईशा फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए -
पंजाब सरकार ने हमारी नदियों को बचाने के लिए ईशा फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पंजाब के मुख्य सचिव एमपी सिंह और ईशा फाउंडेशन के प्रतिनिधि यूरी जैन के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।