प्राण, या जीवन ऊर्जा, विभिन्न तरीकों से शरीर में प्रकट होती है। सद्गुरु बता रहे हैं, कि प्राणायाम प्राण के अलग-अलग रूपों या पंचवायुओं पर महारत पाने का एक तरीका है। जो अपने प्राणों को अपने हाथों में ले लेता है, उसका शारीरिक स्वास्थ्य काफी सुधर जाता है, और मानसिक संतुलन की गारंटी 100% होती है।
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