योगिक विज्ञान के मूल पर आधारित ईशा क्रिया सद्गुरु द्वारा रची गई एक सरल लेकिन शक्तिशाली प्रक्रिया है।ईशा का अर्थ है, " वह जो सृष्टि का स्रोत है" और क्रिया का अर्थ है, "आंतरिक कार्य।" ईशा क्रिया का उद्ददेश्य मनुष्य को उसके अस्तित्व के स्रोत से संपर्क बनाने में सहायता करना है, जिससे वह अपना जीवन अपनी इच्छा और सोच के अनुसार बना सके।

आजकल बाजार में ध्यान की तकनीकों की कोई कमी नहीं है। ईशा क्रिया को विशेष बनाने वाली चीज है, इसका सरल और प्रभावशाली होना। इसे सीखने के लिए आपको किसी कार्यक्रम में शामिल होने की जरूरत नहीं है, मगर इसे बहुत कम समय में कोई भी किसी को कहीं भी सिखा सकता है। अपने जीवन में शांति, उत्साह और खुशहाली लाने के लिए बस 12 से 18 मिनट का रोजाना अभ्यास काफी है।

यह एक नि:शुल्क ऑनलाइन निर्देशित ध्यान प्रक्रिया के रूप में और कार्यशालाओं के जरिये भी सिखाई जाती है। ईशा क्रिया में हर उस व्यक्ति के जीवन को बदलने की क्षमता है, जो दिन में सिर्फ 12 मिनट ये क्रिया करने को तैयार है।