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Wisdom
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सारे विश्वास व मत कहीं न कहीं धराशायी हो जाएंगे। सिर्फ सच्चाई ही बनी रहेगी।
अगर आप अपने घमंड, अपने अहंकार, और खुद के विशेष होने के भाव को अलग रख देते हैं, तो आप कृपा के पात्र बन जाएंगे।
आप इस दुनिया में कुछ लेकर नहीं आते, और आप खाली हाथ ही जाते हैं। जीवन का धन इस बात में है कि आप इसके अनुभवों से खुद को कैसे समृद्ध होने देते हैं।
अगर आपकी पूरी ऊर्जा एक दिशा में केंद्रित है, फिर आत्मज्ञान दूर नहीं है। आखिरकार, आप जो खोज रहे हैं, वो तो आपके भीतर ही है।
आपके द्वारा किया गया हर काम इस दुनिया के किसी न किसी क्षेत्र में योगदान करता है। इस बात के बारे में जागरूक रहने से आपको प्रेरणा मिलती रहेगी।
यदि आप जागरुकतापूर्वक जवाब देने (रिस्पांस करने) की स्थिति में हैं, तो कोई भी कठिन परिस्थिति बाधा नहीं बनती।
जैसे ही आप अपने और अपने शरीर के बीच, अपने और अपने मन के बीच एक दूरी पैदा कर लेते हैं, तो वहीँ पीड़ा का अंत हो जाता है।
आध्यात्मिक प्रक्रिया का मतलब है पूरे जोश, उमंग और आनंद में होना। शांति तो तब मिलेगी जब आप कब्र में लेट जाएंगे।
जो व्यक्ति भीतर और बाहर की निश्चलता को नहीं छूता है, वह निश्चित रूप से गतिविधियों में खो जाएगा।
एक ही ढर्रे वाली जीवन-शैली में सुरक्षा होती है, लेकिन उसमें कोई संभावनाएं नहीं होतीं, कोई विकास नहीं होता।