संयुक्त राष्ट्र में 28 अगस्त, 2000 को मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित सद्गुरु के आशीर्वचन

सद्‌गुरु: जब सभी लोगों में एक ही ईश्वर रहता है, तो आप एक से प्रेम और दूसरे से नफरत कैसे कर सकते हैं? जैसे इंद्रधनुष के अलग-अलग रंग एक ही शुद्ध रोशनी के परिणाम हैं, उसी तरह दुनिया के अलग-अलग धर्म एक ही दैवी स्रोत की अभिव्यक्त‍ि है। दुनिया के अलग-अलग धर्म अलग-अलग विश्वासों के बीच की लड़ाई नहीं हैं, बल्कि यह हर रंग-रूप वाले, विकास, समझदारी और अनुभव के विभिन्न स्तरों पर मौजूद इंसानों के लिए अपने समान परम तत्व को पाने का एक अवसर और संभावना है। मेरा आशीर्वाद है कि आप चैतन्य के आनंद को जान पाएं।