फ़रवरी 2022

समय

निरंतर चलती 

समय की चक्की
नहीं छोड़ती कभी 

अपने क़दमों के निशान
पर इंसानी अनुभव पर
छोड़ती है एक गहरी छाप,
और करती है जीवन का क्षय 

जैसे-जैसे बढ़ता जाता है 

जीवन अपने अंत की ओर।

शरीर के इस लबादे को   
पहनकर थोड़ा ढीला 

कर सकते हैं आप कम
ख़ुद पर समय की छाप को।

एक खंडित व्यक्तित्व से 

अखंड अस्तित्व बनकर 

आप ले पाएँगे आनंद 

समय के चक्रों की सवारी का।
क्योंकि समय हो सकता है 

या तो आनंद का झूला 

या फिर कुचल देने वाली 

एक निर्दयी मशीन।

सद्‌गुरु

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