साल की सबसे अंधेरी रात, महाशिवरात्रि, योग परंपरा और शिव की कृपा का उत्सव है। ईशा महाशिवरात्रि भव्यता और विशालता के पैमाने पर धरती पर अपनी तरह के सबसे बड़े उत्सव के रूप में उभरी है।
इस साल महाशिवरात्रि उत्सव 1 मार्च 2022 को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक मनाया जाएगा। पवित्र वेलांगिरि पहाड़ियों पर खुद शिव ने समय बिताया था, उसी वेलांगिरि की तराई में मौजूद ईशा योग केंद्र में आदियोगी की मौजूदगी में यह उल्लासपूर्ण उत्सव मनाया जाएगा जो पूरी रात चलता रहेगा। यह रात सद्गुरु के साथ अद्भुत ध्यान, सत्संग और मनमोहक संगीत तथा नृत्य प्रस्तुतियों से भरी हुई होगी।
महाशिवरात्रि की रात के बाद 7 दिनों तक उत्सव चलता रहेगा। महाशिवरात्रि के तुरंत बाद 2 से 4 मार्च 2022 तक रोज़ शाम 5:30 से 7:00 बजे तक संस्कृति, संगीत और नृत्य का एक जीवंत उत्सव – ‘यक्ष’ का आयोजन होगा। इन तीन दिनों में शास्त्रीय कलाकार तरह-तरह की कलाओं की प्रस्तुति देंगे। इसके बाद चार दिनों तक स्थानीय कलाकार अपनी कलाओं की छटा बिखेरेंगे, जो निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाली होगी।
हर शाम आप ‘आदियोगी दिव्य दर्शनम’ का आनंद ले पाएँगे, जो आदियोगी के योगदान और मानवता को उनकी भेंट को दर्शाने वाला एक अद्भुत लाइट एंड साउंड शो है।
महा अन्नदानम सबके लिए भोजन की एक पवित्र भेंट है। यह योग-संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जहाँ भोजन को सिर्फ शारीरिक पोषण के लिए नहीं, बल्कि एक पवित्र कार्य के रूप में परोसा जाता है, जिसके बिना कोई उत्सव या समारोह पूरा नहीं होता।
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‘उन सभी के लिए महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है, जो परम तत्व की आकांक्षा रखते हैं। मेरी कामना है कि यह रात आपके लिए एक उल्लासमय जागृति की रात बन जाए।’ – सद्गुरु
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