चट्टानों की स्थिरता
और धड़कते जीवन की शांति
यह दोनों एक से हैं,
फिर भी दोनों में बहुत बड़ा अंतर भी है।
एक रखता है मैल व मिट्टी को थामकर,
और दूसरा हटा देता है परतें
उस बोध से, जो परे है
सभी इंद्रियों के बोध से।
- सद्गुरु