सेहत

गहरी नींद सोने और तरोताज़ा उठने के 10 नुस्खे

क्या आप अक्सर बेवजह थकान महसूस करते हुए या चिड़चिड़े मिजाज के साथ सुबह जागते हैं। सद्‌गुरु समझा रहे हैं कि कैसे अच्छी तरह सोएं और क्या करें ताकि हर सुबह आपके लिए रोशनी, ऊर्जा और नई संभावनाओं से भरपूर हो।

सद्‌गुरु: नींद के दौरान, आप अचेतना में नकारात्मक या सकारात्मक चीज़ें सेते हैं। अगर आप अक्सर बेवजह सुबह खराब महसूस करते हुए उठते हैं, तो इसका मतलब है कि आप रात में ‘खराब अंडे’ से रहे थे।  

यह चीज़ समय के साथ बड़ी शारीरिक समस्याएँ पैदा कर सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप इन चीज़ों को अपने जीवन से ख़त्म करें। इसके लिए रात को बिस्तर पर जाने से पहले, आपको कुछ चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए।  

1. रात का खाना जल्दी खाएँ

अगर आप भारी-भरकम डिनर करना चाहते हैं या शाम को मांस जैसी चीज़ें खाना चाहते हैं, तो बिस्तर पर जाने से कम से कम तीन से चार घंटे पहले खा लें ताकि पाचन की प्रक्रिया पूरी हो सके। इस आदत से कई चीज़ें सुधर जाएंगी।

2. सोने से पहले पानी पिएं और नहाएं

सोने से पहले थोड़ा पानी पीना और नहाना बहुत फर्क ला सकता है। अगर मौसम ऐसा है कि ठंडे पानी से स्नान करना मुश्किल हो, तो आप गुनगुने पानी से नहा सकते हैं। रात में गर्म पानी से मत नहाइए। नहाने से आपको अच्छी नींद आएगी, क्योंकि नहाकर आप सिर्फ त्वचा पर मौजूद गंदगी नहीं धोते हैं।

क्या आपने ध्यान दिया है कि जब आप बहुत तनाव में और बेचैन होते हैं, तो स्नान करने से ऐसा लगता है जैसे कुछ हद तक बोझ कम हो गया हो? जब पानी आपके शरीर पर से बहता है, तो बहुत सी चीज़ें होती हैं। स्नान भूतशुद्धि का बहुत पुराना रूप है, क्योंकि आपका 60 प्रतिशत शरीर तो दरअसल पानी है। अगर आप उसके ऊपर पानी डालते हैं तो एक तरह का शुद्धिकरण होता है। यह त्वचा की सफाई से कहीं अधिक है।

3. दीया जलाएं, मंत्र का जाप करें, योगाभ्यास करें

एक और चीज़ जो आप कर सकते हैं, वह है सोने के कमरे में रुई की बाती के साथ किसी आर्गेनिक तेल का दीया जलाना। इसके लिए खाना पकाने का तेल, अलसी का तेल, राइस ब्रान ऑयल, तिल का तेल या ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप देखेंगे कि इससे नकारात्मक चीज़ें पूरी तरह से गायब हो जाएंगी। आप सोने से पहले किसी मंत्र का जाप या योगाभ्यास भी कर सकते हैं। अगर आप ईशा क्रिया करना चाहते हैं, तो वह इंटरनेट पर मौजूद है।  


4. अपने दिन को मुड़कर देखें और अपना जीवन सार्थक बनाएं

यह याद रखें कि आप नश्वर हैं और कभी भी मर सकते हैं, बल्कि अभी भी मर सकते हैं - चाहे आप जवान हों या बूढ़े। सोने से पहले, अपने बिस्तर पर बैठिए और कल्पना कीजिए कि यह आपकी मृत्युशैया है – आपके पास जीने के लिए सिर्फ एक और मिनट है। मुड़कर देखिए कि उस दिन आपने जो भी किया है, क्या वह सार्थक था? यह सरल अभ्यास कीजिए, क्योंकि आप नहीं जानते कि आप कब अपनी मृत्युशैया पर होंगे या तमाम तरह की नलियों को अपने अंदर घुसाए अस्पताल में लेटे होंगे। आप इसे रोज कर सकते हैं - अपने बिस्तर पर बैठें, मुड़कर देखें कि आपने पिछले 24 घंटे जिस तरह बिताए हैं, उससे क्या वे सार्थक बने? अगर आप यह करेंगे तो आप एक सार्थक जीवन जिएंगे। 

5. सोने जाने से पहले हर चीज़ को एक तरफ रख दें

हर रात, आपको उस हर चीज़ को एक तरफ रख देना चाहिए जो आपने इकट्ठा की है – शरीर, मन की चीज़ें और बाकी चीज़ें। ‘छोटी’ चीज़ों को अनदेखा मत कीजिए क्योंकि वे असल में बड़ी होती हैं। मैंने लोगों को अपना तकिया लेकर यात्रा पर जाते देखा है, क्योंकि उनके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। सोने जाने से पहले, अपना तकिया, अपनी चप्पलें, अपने रिश्ते और वह हर चीज़ जो आपने इकट्ठा की है, एक तरफ रख दें। फिर आप ज्यादा रोशनी, ऊर्जा और संभावनाओं के साथ जागते हैं, जिसकी आपने उम्मीद भी नहीं की होती है। सिर्फ एक जीवन के रूप में सोएँ, किसी पुरुष, स्त्री, इस या उस के रूप में नहीं। हर चीज़ को एक तरफ रख दें। 

6. उत्तर की तरफ सिर करके न सोएं

आम तौर पर भारत में कहा जाता है कि हमें सोते समय अपना सिर उत्तर दिशा की तरफ नहीं रखना चाहिए। अगर आप उत्तर की तरफ सिर करके लेटते हैं, तो धीरे-धीरे उत्तरी ध्रुवीय चुंबकीय आकर्षण से खून आपके दिमाग की ओर खिंचता है। जब मस्तिष्क में काफी रक्त संचार होगा तो आप शांति से नहीं सो पाएंगे।

अगर आपके मस्तिष्क में किसी तरह की आनुवांशिक कमज़ोरी है या आप बुजुर्ग हैं तो आप नींद में ही मर सकते हैं। दिमाग़ में हैमरेज हो सकता है, क्योंकि कोशिकाओं के जरिए अतिरिक्त रक्त दिमाग में घुसने की कोशिश कर रहा है। यह सिर्फ उत्तरी गोलार्ध में लागू होता है। अगर आप ऑस्ट्रेलिया जाते हैं, तो आपको अपना सिर दक्षिण की तरफ नहीं करना चाहिए। भारत में, आपको अपना सिर उत्तर की तरफ नहीं करना चाहिए। आप किसी भी दूसरी दिशा में उसे रख सकते हैं।  

7. अपना सोने का समय सेट करें, अलार्म नहीं

अलार्म की घंटी से जागना, जीवन जीने का अच्छा तरीका नहीं है। आप किस तरह की ध्वनियों से जागते हैं, वह कई मायनों में आपका दिन और जीवन का भविष्य तय करता है। 

आप जिस तरह का भोजन करते हैं, जिस तरह के विचार और भावनाएँ रखते हैं और जिस तरह की जीवंतता आपके अंदर है, वह तय करेगी कि आपको कितनी नींद की जरूरत है। अगर आपको आठ से बारह घंटे की नींद चाहिए, तो आपको जल्दी सो जाना चाहिए ताकि आप अपने आप जाग सकें। अगर जागने के बाद आपको संदेह है कि आप जागे रह पाएंगे या नहीं, तो आप किसी मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं, अगर आपने किसी वैराग्य मंत्र[1] को याद किया है। 

[1] साउंड्स ऑफ़ ईशा का एक एल्बम जिसमें मन्त्र हैं

8. मूक न उठें – उठते समय अपनी हथेलियां रगड़ें

जीवन जीने का एक पूरा विज्ञान, हमारे जीवन में एक परंपरा के रूप में स्थापित किया गया है। आपको बताया जाता है कि सुबह जागने से पहले, आपको अपनी हथेलियां आपस में रगड़कर उन्हें अपनी आँखों पर रखनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि आपकी हथेलियों में बहुत सारी नसों के सिरे आकर जमा होते हैं। हथेलियों को आपस में रगड़कर उन्हें अपनी आँखों पर रखने से यह पक्का होता है कि आपकी इंद्रियाँ तुरंत जाग्रत हो जाती हैं। 

जब आप उनींदे महसूस कर रहे हों, तब भी आप अपनी हथेलियों को आपस में रगड़कर देखिए कि कैसे सब कुछ जाग्रत हो जाता है। हर सुबह इससे पहले कि आप शरीर को हिलाएं, आपका शरीर और आपका दिमाग जाग्रत होना चाहिए। इसका मकसद यह है कि आपको मूक की तरह नहीं उठना चाहिए। तो आपको हथेलियां रगड़कर फिर अपने दाहिनी तरफ पलटना चाहिए और उसके बाद उठना चाहिए।

9. अपनी दाहिनी ओर पलटें

एक महत्वपूर्ण शारीरिक पहलू यह है कि आपका दिल जो बाईं तरफ मौजूद है, आपके शरीर में रक्त पंप करता है। भारत में, हमें कहा जाता है कि जब आप जागें, तो आपको अपने दाहिनी तरफ करवट लेकर उठना चाहिए। जब शरीर एक तरह के आराम की स्थिति में होता है, तो मेटाबोलिक गतिविधि धीमी होती है। जब आप उठते हैं, तो तेज़ गतिविधि होती है, जिसमें आप बाईं तरफ से उठते हुए रुकावट नहीं डालना चाहते।  

10. मुस्कान के साथ उठें

हर दिन दुनिया में लगभग पच्चीस हज़ार लोग स्वाभाविक मृत्यु हो जाने के कारण नींद से नहीं उठते। मान लीजिए आप कल सुबह उठते हैं, हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है, तो कम से कम थोड़ा जश्न तो होना ही चाहिए। आपको उठकर नाचने की जरूरत नहीं है, लेकिन कम से कम आप मुस्करा तो सकते हैं! फिर खुद को उन सारे लोगों की याद दिलाएं, जो आपके लिए मायने रखते हैं और वे भी आज जीवित हैं। इससे आपके चेहरे पर एक और बड़ी मुस्कुराहट आनी चाहिए। यह आपकी आध्यात्मिक प्रक्रिया का एक सरल सा पहला कदम है।