मई 2022

स्त्री

अनजान था ईश्वर के निवास से

फिर पाया एक विकल्प  

माँ के गर्भ के रूप में

आने वाली पीढ़ी है सिर्फ़ एक उपहार

स्त्री के ही गर्भ और वक्षों का

पवित्रता जिनकी खो दी है पुरुष ने

और बना दिया है इसे कामुकता का खेल

जो नहीं करता सम्मान

अपनी ही रचना के उद्गम का

निश्चित ही डालेगा ख़ुद को

गुमनामी की गर्त में

आपके भीतर और बाहर भी

है एक स्त्री

जीवन की महिमा और शोभा

निहित है - इस स्त्री का उत्सव मनाने में

सद्‌गुरु

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