logo
logo
Adiyogi

शिव शक्ति मंत्र

शिव शक्ति मंत्र के बारे में जानें। सद्‌गुरु हमें एक कथा के माध्यम से शिव के मंत्र की शक्ति के बारे में बता रहे हैं।

मंत्र की शक्ति

आज आधुनिक विज्ञान यह साबित कर रहा है कि पूरा अस्तित्व बस एक ऊर्जा का स्पंदन है। जहां भी स्पंदन होगा, वहाँ ध्वनि भी होगी। यौगिक परम्परा में कहा जाता है कि पूरा अस्तित्व बस ध्वनि है, इसे नाद ब्रह्म कहा जाता है। पूरा अस्तित्व बस ध्वनियों का एक जटिल संगम है। ध्वनियों के इस जटिल संगम में, कुछ ऐसी ध्वनियाँ हैं जो एक चाभी की तरह हैं। इन महत्वपूर्ण ध्वनियों को मंत्र कहा जाता है। मान लीजिए आपको एक कमरे में बंद कर दिया गया जाए, और आप अपना पूरा जीवन इसी कमरे में बिता दें। और फिर अगर आपको चाभी मिल जाए, और आपको पता हो कि इस चाभी को छेद में कैसे डालकर घुमाना है, तो इससे आपके लिए एक पूरी नई दुनिया उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन अगर आपको नहीं पता कि इसे कहाँ डालना है, अगर आप इसे फर्श या छत में डालने की कोशिश करें, तो आप कहीं नहीं पहुँच पाएंगे। चाभी बस धातु का एक छोटा सा टुकड़ा है, लेकिन अगर आपको उसे सही जगह डालकर घुमाना आता हो, तो इससे आपके लिए अस्तित्व का एक बिलकुल नया आयाम खुल जाएगा।

इसलिए इस चैतन्य को जानने और अनुभव करने का मतलब है, अपनी ऊर्जा को उच्चतर संभावनाओं, अपने भीतर सूक्ष्मतर आयामों तक विकसित करना। महाशिवरात्रि के दौरान, धरती के उत्तरी गोलार्ध में हर इंसान के अंदर कुदरती तौर पर ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ती है। ऊर्जा के इस कुदरती चढ़ाव का लाभ उठाने के लिए हमें रीढ़ सीधी रखनी चाहिए। जैसा कि जीवविज्ञानियों ने हमेशा इस ओर इशारा किया है कि किसी पशु के लिए विकास की प्रक्रिया में सबसे बड़ा उछाल तब आया, जब उसकी रीढ़ क्षैतिज से लंबवत यानि सीधी हो गई। उसके बाद ही आपकी बुद्धि का विकास हुआ। इसलिए, अगर इस रात को आप अपनी रीढ़ सीधी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो हम आपको जगाए रखने के लिए हर संभव चीज करेंगे। उपयुक्त मंत्रों, ध्यान और पूरी स्थिति के साथ ऊर्जा के इस कुदरती चढ़ाव का लाभ उठाते हुए हम चैतन्य के ज्यादा करीब हो सकते हैं।

तार्किक दिमाग वाले लोग स्वाभाविक रूप से यह पूछेंगे कि बस एक मंत्र के जाप से क्या हो जाएगा। योगिक परंपरा में एक बहुत बढ़िया कहानी है। एक दिन एक योगी, जो काफी सिद्धि प्राप्त कर चुका था, शिव के पास जाकर बोला, ‘यह सब क्या है, आपके भक्त दुनिया में हर तरह का शोर मचा रहे हैं, वे हर समय चिल्लाते रहते हैं, वे क्या कर रहे हैं? आप उनसे ये बकवास बंद करने को क्यों नहीं कहते?

शिव बोले, ‘चलो एक प्रयोग करते हैं, यहां एक कीड़ा रेंग रहा है, उसके पास जाकर ‘शिव शंभो’ बोलो, देखते हैं, क्या होता है।’ योगी उपेक्षा के भाव से भरा था, वो कीड़े के पास गया और बोला, ‘शिव शंभो,’ कीड़ा वहीं मर गया। योगी हैरान रह गया, ‘मैंने बस यह मंत्र कहा, आपका नाम लिया और कीड़ा मर गया। ऐसा कैसे हुआ?’ शिव ने एक तितली की ओर इशारा किया और बोले, तितली की और ध्यान दो और बोलो ‘शिव शंभो’। योगी ने कहा, ‘नहीं, मैं तितली को मारना नहीं चाहता।’ शिव ने कहा – ‘कोशिश करो।’ योगी ने तितली की ओर देखकर कहा, ‘शिव शंभो’ और तितली मर गई। योगी बहुत बेचैन हो उठा और बोला, ‘अगर इस मंत्र से ये होता है, तो कोई भी इसका जाप क्यों करना चाहेगा?’ शिव मुस्कुराते रहे और एक खूबसूरत हिरण को देखा जो वहां उछल-कूद रहा था। उन्होंने कहा, ‘इस हिरण को देखो और बोलो शिव शंभो?’ योगी ने कहा, ‘नहीं, मैं उसे मारना नहीं चाहता।’ शिव ने कहा – ‘उससे फर्क नहीं पड़ता, मंत्र बोलो।’ योगी ने कहा, ‘शिव शंभो’ और वह हिरण मर गया। योगी बहुत परेशान हो गया, ‘इस मंत्र का उद्देश्य क्या है, ये सभी को मार रहा है।’

तभी कोई माता अपने नवजात शिशु को शिव के पास आशीर्वाद दिलाने लाई। शिव ने योगी से कहा, ‘क्यों न तुम उस मंत्र को इस शिशु के सामने बोल कर देखो?’ योगी बोला, ‘नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं इस बच्चे को मारना नहीं चाहता।’ शिव बोले, ‘बोलो।’ योगी बहुत हिचकिचाहट के साथ बच्चे के पास जाकर बोला, ‘शिव शंभो।’ वह नवजात शिशु उठकर बैठ गया और कहने लगा, ‘मैं एक कीड़ा था, आपने मंत्र का उच्चारण किया तो मैं तितली बन गया। आपने मंत्र बोला तो मैं हिरण बन गया, फिर आपने मंत्र बोला तो मैं इंसान बन गया। बस इसे एक बार और बोलें, मैं चैतन्य को पाना चाहता हूँ।’

– महाशिवरात्रि 2010 के सद्गुरु के प्रवचनों का अंश

    Share

Related Tags

आदियोगी

Get latest blogs on Shiva

Related Content

अल्लमा प्रभु – जिनमें थी एक अलग तरह की शक्ति