क्या हो अगर आपका सबसे बड़ा सपना सच हो जाए? आप जो चाहते हैं उसे पाने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल कैसे करें? जानिए ज़्यादातर लोग अनजाने में खुद को कैसे नुक़सान पहुँचाते हैं।
सद्गुरु: एक बार की बात है, एक आदमी सैर पर निकला और दुर्घटनावश स्वर्ग में जा पहुंचा। बिना समझे कि वो स्वर्ग में है, उसने सोचा, ‘यह लम्बी सैर मुझे थका रही है। काश मैं कहीं आराम कर पाता।’ तभी उसे एक खूबसूरत पेड़ दिखा, और उसकी छाया के नीचे नरम गद्देदार घास थी। वो वहां गया और कुछ घंटों के लिए सो गया। जब वह उठा, उसने कहा, ‘ओह, मैंने बढ़िया आराम किया। मुझे भूख लगी है, काश मेरे पास कुछ खाने के लिए होता।’
जो भी स्वादिष्ट व्यंजन उसने सोचे अचानक उसके सामने आ गए। भूखे लोग सवाल नहीं पूछते, जब खाना मिलता है, वो बस खा लेते हैं। उस ने पेट भर खाया। फिर उसने सोचा, ‘काश कुछ पीने के लिए होता।’ उसने उन सभी बेहतरीन पेय पदार्थों के बारे में सोचा जो वो पीना चाहता था। अचानक से वो सभी उसके सामने आ गए। पीने वाले लोग भी सवाल नहीं पूछते, इसलिए वो पी गया।
अब पीने के बाद उसका दिमाग चलने लगा, उसने सोचा, ‘यह क्या हो रहा है? मैंने ख़ाना माँगा और ख़ाना मिल गया। मैंने पीने के लिए कुछ माँगा, और पेय पदार्थ आ गए। शायद यहाँ मेरे आस-पास कोई भूत है!’ तभी एक भूत आ गया। ‘ओह नहीं! एक भूत आ गया है। शायद यह अपने सभी दोस्तों को ले आएगा और मुझे यातना देगा!’ तभी कई भूत आ गए और उसे यातना देने लगे। फिर वो चिल्लाया, ‘हे भगवान! ये मुझे यातना दे रहे हैं! ये मुझे मार डालेंगे!’ और वह मर गया। शुरुआत में, शायद आपने सोचा होगा कि वह तो बहुत भाग्यशाली है।
वह कल्पवृक्ष के नीचे बैठा था। कल्पवृक्ष इच्छाओं को पूरा करने वाला पेड़ है। इस पेड़ के नीचे बैठकर आप जो भी सोचते हैं वो हक़ीक़त बन जाता है। उसने भोजन के लिए सोचा, भोजन आ गया। उसने भूत के लिए सोचा, भूत आ गया। उसने मृत्यु के लिए सोचा, और मृत्यु आ गई। आज भी हम जिस दुनिया में रहते हैं वहाँ कल्पवृक्ष मौजूद हैं। लेकिन उन्हें ढूंढने के लिए जंगल में न जाएँ, क्योंकि वहाँ उन्हें ढूँढ पाना मुश्किल है। एक सुव्यवस्थित मन जो संयुक्त की स्थिति में है, उसे कल्पवृक्ष कहते हैं। जब आपका मन सुव्यवस्थित होता है, आप जो भी चाहते हैं वो वास्तविकता बन जाता है।
ज़्यादातर लोग 90% समय उन चीज़ों के बारे में सोच रहे होते हैं जो वे नहीं चाहते। तब वही चीज़ें होती रहती हैं और वे शिकायत करते रहते हैं। परेशानी यह है कि आप नहीं जानते कि मांगना कैसे है। ज़्यादातर चीज़ें जो आप चाहते हैं समय के साथ बेमानी हो जाती हैं। अगर वो कल आपको मिल जाती हैं तो आपके लिए उनके कोई मायने नहीं रह जाएँगे। तब तक आपकी चाहत कुछ और हो चुकी होगी।
आप जो भी चाहते हैं वो सच हो सकता है अगर आपमें माँगने की शक्ति है। आज आधुनिक विज्ञान ने यह प्रमाणित कर दिया है कि पूरा अस्तित्व बस एक कम्पन है। इस अस्तित्व में आप एक कम्पन हैं और आपका विचार भी एक तरह का कम्पन है। अगर आप अपने मन में एक शक्तिशाली विचार पैदा करते हैं और उसे बाहर आने देते है, वह हमेशा वास्तविकता में बदल जाता है।
परेशानी यह है कि जब आप कुछ शुरू करते हैं, इससे पहले कि वह पूरा हो, आपके मन में सौ विचार आते हैं, जैसे ‘नहीं हो सकता,’ ‘असंभव है।’ फिर जब तक आपका विचार बाहर आता है, उसमें कोई ऊर्जा या शक्ति नहीं होती और कुछ घटित नहीं होता। एक बार आप कहते हैं, ‘मुझे यह चाहिए,’ और दूसरी बार आप कहते हैं, ‘यह संभव नहीं है।’ ‘असंभव है’ या ‘मुझे यह नहीं चाहिए’ दोनों एक ही चीज़ हैं। जब आप कहते हैं, ‘यह संभव नहीं है,’ आप खुद को कह रहे होते हैं, ‘अब मुझे यह नहीं चाहिए।’ अब मन को यह नहीं पता कि आप क्या चाहते हैं, जो उथल-पुथल पैदा कर देता है।
अगर आप कुछ चाहते हैं, तो आपको यह पता होना चाहिए कि एक शक्तिशाली विचार कैसे पैदा किया जाए जो हक़ीक़त बन सके। एक विचार में इतनी शक्ति होती है कि वो आपके आस-पास की दुनिया में चीज़ों को बदल सके। उदाहरण के लिए, अगर कोई आपको पीछे से घूर रहा है, आप उसे महसूस कर पाते हैं। आपको कैसे पता चलता है? कामुक, क्रोधी या नफरत से भरा मन सभी एक ही बिंदु पर केंद्रित मन होते हैं। उनका आप पर फ़ोकस एक कम्पन पैदा करता है जो आपका शरीर महसूस कर सकता है।
अगर आप प्रयोग करना चाहते हैं तो आप अपना ध्यान किसी व्यक्ति के शरीर के संवेदनशील हिस्से पर केंद्रित कीजिए, जैसे उसके गले के पीछे, या नाक की नोक पर, जब वह आपकी मौजूदगी से बेख़बर हो। अगर आप अपना ध्यान बहुत तीव्रता से केंद्रित करते हैं, तो एक मिनट के अंदर ही वह व्यक्ति खुद को उस जगह खुजलाएगा, क्योंकि वहाँ एक सनसनाहट पैदा होगी। यह जानवरों के साथ भी होता है, जैसे एक कुत्ता या एक बिल्ली के साथ। अगर आप उसके शरीर के किसी हिस्से पर गहराई से ध्यान केंद्रित करेंगे, वो एकदम से उसे खुजलाएगा।
केवल अपने मन को केंद्रित करने से आप किसी के शरीर में सनसनी पैदा कर सकते हैं।
इस समय परेशानी यह है कि आपका मन केंद्रित नहीं है। ज़्यादातर समय आप उन चीज़ों के बारे में सोच रहे होते हैं जो आपके जीवन में घटित नहीं होनी चाहिए। अपने मन को पूरी तरीके से केंद्रित करके आप निश्चित तौर पर दुनिया में चीज़ों को बदल सकते हैं।