कर्म घटाने के फ़ायदे
आप चीज़ों को वैसा जानते हैं जैसी वो हैं और आपको इकट्ठा किए हुए ज्ञान पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं है, जो कि मानव-समाज में जीने के लिए मूल्यवान है। लेकिन अगर आप अकेले हैं, तो इसकी कोई क़ीमत नहीं है। भारत में एक विद्वान के बारे में बहुत पुरानी कथा है जो नाव से गंगा के पार जाना चाहता था। नाव वाला गरीब आदमी था जो कुछ पैसों के लिए नाव इस पार से उस पार ले जाता था। नाव पर बैठे विद्वान ने नाविक से पूछा कि क्या उसने कालिदास को पढ़ा है? नाव वाले को नहीं पता था कि कालिदास कौन हैं। उस समय नावें रस्सी से बंधी होती थीं, नट और बोल्ट से नहीं।
अगर आप अपने संचित कर्मों का भार कम करते हैं, तो पहली चीज़ जो आपके साथ होगी वह यह कि जब आप यहाँ बैठेंगे, आप सभी चीज़ों के प्रति सचेतन होंगे, जैसे आपकी सांसें, धड़कन और आपके शरीर की बाकी संवेदनाएँ। ऐसा इसलिए क्योंकि आपने अपने संचित कर्मों का भार कम कर दिया है। जब आप बैठते हैं, आपको कम से कम यह तो पता हो कि आप साँस ले रहे हैं।
वे आधे रास्ते में ही पहुंचे थे कि नाव में पानी आने लगा। नाव वाले ने पूछा, ‘श्रीमान, क्या आप तैरना जानते हैं?’ विद्वान व्यक्ति ने कहा, ‘नहीं, मैं तैरना नहीं जानता।’ नाविक ने कहा, ‘शायद आपको कालिदास से जानना चाहिए था कि तैरा कैसे जाता है? मुझे यकीन है कि उन्होंने इस बारे में भी कहीं लिखा होगा।’ फिर वो नाविक पानी में कूद गया और तैरकर निकल गया। इसलिए जीवन बचाने के लिए भी आपका अनुभव आपके इकट्ठा किए गए ज्ञान से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। ज्ञान ज़रूरी है, लेकिन यह आपको परिपूर्ण नहीं करेगा।
अगर आप दुनिया को देखें, क्या पढ़े-लिखे लोग ज़्यादा दुखी, चिंतित और मुरझाए हुए चेहरों के साथ हैं या अनपढ़? पढ़े-लिखे लोग वैसा चेहरे लिए हुए घूम रहे हैं, ज्ञान की बंजरता की वजह से। उन्हें लगता है कि वो सब जानते हैं, लेकिन उन्हें उनके जीवन में ज़्यादातर समय यह भी नहीं पता होता कि वो साँस ले रहे हैं या नहीं। अपनी साँसों के प्रति भी वे केवल तब जागरूक होते हैं जब उन्हें अस्थमा या कोविड होता है।
इसलिए अगर आप अपने संचित कर्मों का भार कम करते हैं, तो पहली चीज़ जो आपके साथ होगी वह यह कि जब आप यहाँ बैठेंगे, आप सभी चीज़ों के प्रति सचेतन होंगे, जैसे आपकी सांसें, धड़कन और आपके शरीर की बाकी संवेदनाएँ। ऐसा इसलिए क्योंकि आपने अपने संचित कर्मों का भार कम कर दिया है। जब आप बैठते हैं, आपको कम से कम यह तो पता हो कि आप साँस ले रहे हैं।