आलू उपजाने वाला किसान
ढूंढ रहा है सेब ज़मीन में।
सेब उपजाने वाला किसान
कर रहा है कोशिश
पेड़ों से आलू तोड़ने की।
अपनी आदतों से लाचार ये जीव
कर देते हैं अपने भाग्य का समर्पण,
उन्हीं पुराने रूपों वाली आदतों के आगे
जिन रूपों से विकसित होकर हम इंसान हुए हैं
उन प्राचीन आदतों से मजबूर,
इंसान ढूंढता है इस दुनिया में ख़ुशी और प्रेम
और गँवा देता है, अपना पूरा जीवन,
उलझनों और संघर्षों में
त्याग देता है, वह सचेत स्पष्टता
जो ला सकती है स्वर्ग को धरती पर।
सद्गुरु