मिट्टी और सेहत

स्वस्थ मिट्टी: क्यों ज़रूरी है हमारी सेहत और खुशहाली के लिए ?

अंतर्राष्ट्रीय आँत स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ मेगन रॉसी हमारे भोजन, हमारी मिट्टी, हमारे पाचन, और हमारे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के आपसी संबंध पर प्रकाश डाल रही हैं।

कैसे खरबों बैक्टीरिया हमें जिंदा रखते हैं

साक्षात्कारकर्ता: क्या आप हमें बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती हैं कि माइक्रोबायोम क्या हैं और यह मिट्टी और हमारी सेहत के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

डॉ. मेगन रॉसी: हमारी आँत का स्वास्थ्य हमारे पाचन तंत्र में जीने वाले खरबों बैक्टीरिया पर निर्भर करता है। वे हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में, हम शायद उनके बिना जीवित नहीं रह सकते। लेकिन खरबों बैक्टीरिया से भरा एक और पारिस्थितिकी तंत्र है जिसके बिना भी हम शायद जीवित नहीं रह सकते, और वह है मिट्टी। वास्तव में, जलवायु परिवर्तन और पोषक तत्वों की साइकलिंग जैसी चीजों के लिए मिट्टी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है लेकिन यह वास्तव में हमारी आँत की सेहत के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मिट्टी के बिना हम शायद अपने पेट के बैक्टीरिया के पसंदीदा भोजन का – जो पौधों से मिलता है, उत्पादन नहीं कर पाएंगे।

इनके बारे में इस तरह सोचिए - मिट्टी नहीं तो पेड़-पौधे नहीं; पेड़-पौधे नहीं तो बहुत दुखी बैक्टीरिया(आँत के) और नतीजा – हमारी बुरी सेहत।

आँत आपका दूसरा मस्तिष्क

साक्षात्कारकर्ता: लोग कहते हैं कि आँत हमारा ‘दूसरा दिमाग़’ है। क्या आप इसकी वजह बता सकती हैं?

डॉ. मेगन रॉसी: हम एक सदी से भी ज्यादा समय से जानते हैं कि हमारी आँत और हमारे मस्तिष्क के बीच यह दोतरफा संचार है। वास्तव में हमारी आँत काफी अनोखी है और यह हमारे मस्तिष्क के निर्देशों के बिना काम करती है, मूल रूप से इसीलिए हमने इसे अपना दूसरा मस्तिष्क कहा। इसका संबंध एंटेरिक नर्वस सिस्टम[1] से भी है, जहाँ करोड़ों नसें वास्तव में पोषण ग्रहण करती हैं और आपस में संपर्क करती हैं और आँत से उसका काम करवाती हैं, यानी पाचन। हालाँकि हाल में हम इस आँत के दिमाग़ की पहुँच में एक नई चीज़ पर गौर कर रहे हैं और वह हैं खरबों बैक्टीरिया, यानी हमारा गट माइक्रोबायोम।

पौधों से मिले भोजन को ज्यादा खाना न सिर्फ हमारी आँत के बैक्टीरिया के लिए, बल्कि हमारी मानसिक सेहत के लिए भी अच्छा है।

और ये सूक्ष्म-जीव हमारे मस्तिष्क से संवाद करने जैसे काम करते हैं। वास्तव में क्लीनिकल ट्रायल्स से पता चला है कि अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा पौधे शामिल करने से यानी आँत बैक्टीरिया को पोषण देने से लोगों की मानसिक सेहत में काफी सुधार हो सकता है। इसलिए, पौधों से मिले भोजन को ज्यादा खाना न सिर्फ हमारी आँत के बैक्टीरिया के लिए, बल्कि हमारी मानसिक सेहत के लिए भी अच्छा है।

[1] परिधीय तंत्रिका तंत्र (पीएनएस) का एक बड़ा विभाजन, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) इनपुट से रहकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व्यवहार को नियंत्रित कर सकता है।

रेशों में समृद्ध खाद्य पदार्थों को खाना क्यों महत्वपूर्ण है

साक्षात्कारकर्ता: क्या आप एक स्वस्थ इंसान के लिए पौष्टिक भोजन के महत्व के बारे में बता सकती हैं?

डॉ मेगन रॉसी: हम जानते हैं कि पोषण हमारे आँत की सेहत और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है क्योंकि खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की सघनता का संबंध लंबी उम्र, हृदय के बेहतर स्वास्थ्य और मेटाबोलिज्म की दर से है। पौधे हमारे आँत के बैक्टीरिया का पसंदीदा भोजन हैं। इसका कारण फाइबर या रेशा नामक पोषक तत्व है जो पौधों का आधार है। मुझे लगता है कि हम में से बहुत से लोग जानते हैं कि हमें अपने आहार में ज्यादा रेशे शामिल करने की जरूरत है लेकिन बहुत से लोग यह नहीं समझते हैं कि आहार में फ़ाइबर हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की सघनता का संबंध लंबी उम्र, हृदय के बेहतर स्वास्थ्य और मेटाबोलिज्म की दर से है।

मानव कोशिकाएं वास्तव में रेशे को पचा नहीं सकती हैं। जब हम फाइबर खाते हैं तो यह बिना पचे हमारे अधिकांश पाचन तंत्र से निकल जाता है जब तक कि यह आखिरी हिस्से में नहीं पहुंच जाता जहाँ हमारे पास खरबों बैक्टीरिया होते हैं जो रेशे को खाना और फर्मेंट करना शुरू कर देते हैं। उस रेशे के साथ, बैक्टीरिया कई तरह के फायदेमंद रसायनों का उत्पादन करते हैं जो हमारी आँत की लाइनिंग को मजबूत करते हैं, हमारी भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, और यहाँ तक ​​कि हमारे मस्तिष्क से संवाद भी करते हैं।

हमारी पाचन प्रक्रिया का चरण-दर-चरण विश्लेषण

साक्षात्कारकर्ता: क्या आप बता सकती हैं कि हमारा शरीर भोजन को कैसे तोड़ता है?

डॉ मेगन रॉसी: मूल रूप से हमारे पाचन नली के चार भाग होते हैं। यह नली नौ मीटर लंबी ट्यूब होती है जो भोजन को प्रवेश से लेकर निकास तक पहुँचाती है। पाचन मुँह से शुरू होता है जहाँ हम न सिर्फ भोजन को चबाकर उसे भौतिक रूप से तोड़ना शुरू करते हैं बल्कि हमारे लार के एंजाइम उसे रासायनिक रूप से भी तोड़ना शुरू कर देते हैं।

जब हम भोजन को निगलते हैं, तो वह हमारी भोजन नली में चला जाता है और फिर पेट में पहुँच जाता है जो बहुत कुछ वॉशिंग मशीन की तरह होता है क्योंकि यह न सिर्फ भोजन को चारों ओर फेंकता है – बल्कि कुछ एंजाइम और डिटर्जेंट भोजन को रासायनिक रूप से तोड़ना शुरू कर देते हैं।

अगर आप वाकई अपनी आँत की अच्छी सेहत चाहते हैं, तो मैं कहूँगी कि आप जितना संभव हो, अलग-अलग तरह के पौधों को खाइए।

एक बार जब भोजन प्यूरी जैसा पतला हो जाता है तो यह छोटी आँत में चला जाता है, जो आँत का एक बहुत ही दिलचस्प हिस्सा है जो बिल्कुल भी छोटा नहीं है - यह वास्तव में लगभग छह मीटर लंबा है। यह वह जगह है, जहाँ हमारे अधिकांश पोषक तत्व हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों जैसे हमारे दिल, हमारी त्वचा आदि के पोषण के लिए हमारे रक्त प्रवाह में जाते हैं। हमारे अधिकांश कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा वहाँ पच जाते हैं।

लेकिन, कुछ चीजें जैसे खाद्य-रेशे (फ़ाइबर) जो हमारे पौधों पर आधारित भोजन का आधार है, छोटी आँत में पच नहीं सकते क्योंकि मानव कोशिकाओं में इसके लायक जरूरी एंजाइम नहीं होते हैं। आहार रेशा पाचन तंत्र के आखिरी हिस्से में पहुँचता है, जिसे बड़ी आँत कहते हैं। यहीं पर हमारी आँत के अधिकांश बैक्टीरिया होते हैं जो रासायनिक रूप से रेशे को तोड़ते हैं।

आँत की अच्छी सेहत स्वस्थ मिट्टी पर क्यों निर्भर है

साक्षात्कारकर्ता: क्या आप आँत माइक्रोबायोम और मिट्टी की जैवविविधता के बीच के आपसी संबंध को समझाएँगी?

डॉ मेगन रॉसी: दिलचस्प बात यह है कि शोध से पता चला है कि हमारी आँत में रहने वाले माइक्रोबायोम, जो खरबों बैक्टीरिया हैं, लगभग पिछले एक दशक से घटने लगे हैं। वास्तव में कुछ दिलचस्प शोध हो रहे हैं जो मिट्टी की विविधता के साथ-साथ हमारी आँत की माइक्रोबायोम विविधता के बारे में बताते हैं। हालांकि आँत और मिट्टी के संबंध पर शोध अभी शुरुआती अवस्था में ही है, लेकिन निष्कर्षों से ऐसा लगता है कि उन्हें जोड़ा जा सकता है और इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि अगर हम अपनी आँत की सेहत को सुधारना चाहते हैं, तो हमें अपनी मिट्टी की सेहत पर भी ध्यान देना चाहिए।

साक्षात्कारकर्ता: क्या जिस तरह से हमारा भोजन उगाया जाता है, उसके कारण आपने पिछले कुछ सालों में लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आते देखी है?

डॉ. मेगन रॉसी: मिट्टी के स्वास्थ्य के अलावा कई दूसरे कारक भी इससे जुड़े हुए हैं, जैसे भोजन की उपलब्धता। एक और कारक है, फसलों का चुनाव। उत्पादन की लागत और दूसरी वजहों से किसान, फसलों की कुछ किस्मों को नहीं उगाने का फैसला कर सकते हैं जिससे जैव विविधता कम हो जाती है। यह एक बड़ी समस्या का हिस्सा है।

हमारे आँत की सेहत का एक अहम राज, वास्तव में अलग-अलग प्रकार के पौधों को खाना है। एक शोध से पता चला है कि जो लोग अपने साप्ताहिक आहार में कम से कम 30 अलग-अलग प्रकार पौधों को खाते हैं, उनकी आँत की सेहत उन लोगों के मुकाबले बेहतर होती है, जो पौधों की उन्हीं 10 किस्मों को बार-बार खाते हैं। अगर आप वाकई अपनी आँत की अच्छी सेहत चाहते हैं, तो मैं कहूँगी कि आप जितना संभव हो, अलग-अलग प्रकार के पौधों को खाइए।

इंद्रधनुषी भोजन करें और मिट्टी को बचाएँ

साक्षात्कारकर्ता: पोषण के वैकल्पिक स्रोतों जैसे गोलियों और भावी खाद्य पदार्थों पर आपके विचार क्या हैं?

डॉ. मेगन रॉसी: हालांकि यह विषय बहुत बड़ा और जटिल है, लेकिन मैं एक चीज़ बता सकती हूँ कि जो प्रकृति ने हमें दी है, पोषक तत्वों की इस श्रेणी को फाइटोन्यूट्रिएंट्स कहा जाता है। ये लाभदायक पादप रसायनों के प्रकार हैं और वास्तव में इनके हज़ारों प्रकार हैं। बात यह है कि हम यह नहीं जानते कि उन्हें प्रयोगशालाओं में कैसे बनाया जाए। इसलिए मैं चाहती हूँ कि हम सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहने के बजाय पौधों से अपना पोषण प्राप्त करें।

मजबूत आँतों वाले लोगों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

एक और चीज जो पौधों के बारे में वाकई दिलचस्प है, वह है पॉलीफेनोल्स नाम के रसायन। लोगों ने रेड वाइन और डार्क चॉकलेट को सेहत से जोड़ा है क्योंकि ये पॉलीफेनोल्स के अच्छे स्रोत हैं। पॉलीफेनोल्स के बारे में वास्तव में महत्वपूर्ण यह है कि आँत के बैक्टीरिया उनमें से अधिकांश को पचा सकते हैं और हमारे शरीर द्वारा उनके अवशोषण में मदद करते हैं। माना जाता है कि 90% पॉलीफेनोल्स को आंत बैक्टीरिया पचा देते हैं। तो बैक्टीरिया के बिना, हमें शायद उन पॉलीफेनोल्स के स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलेंगे।

साक्षात्कारकर्ता: क्या आपको लगता है कि हम जिस तरह का खाना खाते हैं, उसके कारण हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है, और क्या इससे संक्रामक रोगों का खतरा हमारे लिए बढ़ जाता है?

डॉ. मेगन रॉसी: हम जानते हैं कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) का 70% ज़िम्मा हमारे नौ मीटर पाचन तंत्र पर निर्भर करता है। और निश्चित रूप से क्लीनिकल ट्रायल्स ने यह दिखाया है कि मजबूत आँतों वाले लोगों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

साक्षात्कारकर्ता: आप मिट्टी की सेहत और हमारे आँत के माइक्रोबायोम के बीच के संबंध को कैसे जोड़ेंगी?

डॉ मेगन रॉसी: अगर आप अपनी आँत की सेहत चाहते हैं तो मैं आपको सुझाव दूंगी कि आप मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में सोचना शुरू करें क्योंकि हमारी आँत के बैक्टीरिया का पसंदीदा भोजन मिट्टी में उगाया जाता है। पौधे वास्तव में हमारी आँत के बैक्टीरिया का पोषण करते हैं और यही वजह है कि मिट्टी की सेहत और पौधों की सेहत और आंत की सेहत के बीच एक मजबूत संबंध है।